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कोरोना महामारी के चलते जारी लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए सरकारी और गैर-सरकारी संगठन के कर्मचारी अपने-अपने घरों से काम कर रहे हैं। खासकर आईटी सेक्टर के ज्यादातर कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम (WFH) कर रहे हैं। इसको लेकर अब नई एचआर पॉलिसी बनाई जा सकती है। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक विशेषज्ञों का मानना है कि वर्क फ्रॉम होम का कान्सेप्ट एक बड़े वर्ग के कर्मचारियों के लिए आगे बढ़ने वाला है।
हालांकि, वर्क फ्रॉम होम की वजह से संचार व्यवस्था में काफी बदलाव देखा जाएगा। इतना ही नहीं कर्मचारी और मैनेटमेंट के बीच संबंध भी पहले जैसे नहीं रहेंगे और काम करने के समय में भी बदलाव हो सकता है। इन तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए एक नई एचआर पॉलिसी बनाए जाने की जरूरत हो सकती है।
घरों से किया जा सकता है काम
कोरोना महामारी के प्रसार को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने लॉकडाउन घोषित कर दिया था। जिसकी वजह से सरकारी और गैर-सरकारी संगठन के कर्मचारियों को दफ्तर की बजाय घरों से काम करना पड़ रहा है। ऐसे में घरों से काम न कर पाने की धारणा भी टूट गई और कर्मचारियों ने भी बेहतर प्रदर्शन करके दिखाया।
एक तरफ तो कर्मचारियों की दफ्तर जाने की आदत छूट गई। जबकि दूसरी तरफ घर से काम करने की आदत भी बन गई। ऐसे में आने वाले समय में घरों से काम करने के लिए एक नई पॉलिसी की आवश्यकता होगी। क्योंकि अभी तक कोई भी ऐसी पॉलिसी नहीं है जो घरों से काम करने के नियम कायदे बताती हो।
10 लाख कर्मचारी करेंगे WFH
आईटी उद्योग की जानी मानी शख्सियत सेनापति गोपालकृष्णन ने कहा कि कोरोना वायरस के चलते लागू लॉकडाउन के खत्म होने के बाद स्थिति सामान्य होने पर भी 10 लाख से अधिक आईटी कर्मचारियों के घर से ही काम करने की संभवना है।
उन्होंने कहा कि अब मुझे बताया गया है कि कई बड़े (आईटी) संगठनों में 90 से 95 प्रतिशत लोग घर से काम कर रहे हैं। और वह बदलाव बेहद सहज रूप से और बहुत तेजी से किया गया। मुझे लगता है कि ये अब कारोबार का लगातार चलते वाला हिस्सा बन जाएगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि छोटी कम्पनियां वर्क फ्रॉम होम को ज्यादा बढ़ावा देंगी। ताकि आने वाले समय में वे किराये की लागत में काफी बचत कर सकें।
इतना ही नहीं राष्ट्रीय आपदा अधिनियम लागू होने के बाद हिंदुस्तान यूनिलीवर जैसे प्रगतिशील संगठनों ने अपने कार्यालय-आधारित कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम का प्लेटफॉर्म देने का निर्णय लिया है। ऐसे में जल्द ही नई पॉलिसी सामने आ सकती है जो पुरानी पॉलिसी से बेहद अलग होगी।