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मनीष कुमार गुप्ता
GST विभाग के एक बड़े अधिकारी के अनुसार केंद्र सरकार ने GST की टैक्स चोरी रोकने के लिए कई तरीके अपना रही है, इसलिए फ़र्ज़ी बिल काटने वाले या उन्हें जमा करने वाले व्यापारी भाई सावधान रहें और गलत तरीके से सेल और परचेस न दिखाएँ , मुख्या तरीके निचे दिए गए हैं.
1. पहला देश के लगभग ज्यादातर टोल नाको के सभी गेट पर चलते हुए वाहन का वजन लेने की नई तकनीक लग चुकी है या लग रही है , जिसका उदाहरण के लिए ये टोल प्लाजा की पर्ची है ,जिसमे आप ध्यान से देखिए की टोल प्लाजा से निकल रहे हर वाहन का कुल वजन प्रिंट हो रहा है, इस से GST अथॉरिटी चुनाव के बाद उन सभी वाहनों का वजन को E way बिल के वज़न से मिलान कर सकती है. अगर कोई निर्माता ट्रक का आधा या कम वज़न का बिल बनाता है तो वो सबूत के साथ पकड़ा जाएगा . अगर कोई बस्तु नाप से बिक रही है तो GST विभाग उस वाहन के वज़न से भी उस नाप से एवरेज निकाल लेगा या वोलुमतृक वजन ले लेगा| उदाहरण के लिए किसी ट्रक का 2000 स्क्वायर फ़ीट का मार्बल का बिल बना हुआ है और उस वाहन का वजन 50 टन है तो वो तुरंत पकड़ मैं आ जायेगा.
2. अगर किसी व्यापारी ने किसी निर्माता को बिना माल भेजे किसी प्रकार का फर्जी बिल बनाया है, और Eway बिल मैं जो वाहन नंबर डाला है, GST विभाग उस वाहन नंबर की पूरे साल भर की यात्राओं का देता उस कंपनी से माँगा सकता है , उदाहरण के लिए फर्जी बिल मैं जो वाहन नंबर डाला गया है उसको माल दिल्ली से कोलकाता ले जाना बताया गया है और उसी पीरियड मैं दूसरे असली E way बिल मैं अगर वो वाहन मुम्बई से आगरा मॉल ले जाता मिला तो फर्जी बिल वाले तुरंत पकड़ मैं आएंगे.
3. HSN कोड से जो व्यापारी खरीदते या इम्पोर्ट तो करते है पन्ना (एमराल्ड) का,और बिल सामने वाले कि जरूरत के अनुसार मोती ( pearl) या और किसी गेम्स का नाम लिख कर बिल बना देते है या एक्सपोर्ट कर देते है. इन सब का डाटा बेस तैयार हो रहा है.
4. कुछ व्यापारी एक ही वाहन से एक ही बिल से एक ही दिन मैं मॉल का दो बार परिवहन कर रहे है, GST विभाग सभी टोल प्लाजा पर लगे स्मार्ट कैमरों से सभी वाहनों की आगे पीछे की गाड़ी नंबर सहित रिकॉर्डिंग कर रहा है.
5. सरकार इम्पोर्ट से डाटा बेस तैयार कर रही है उदाहरण के लिए पूरे देश मैं एक साल एमरल्ड (पन्ना) का 10000 kg रफ़ इम्पोर्ट हुआ तो GST डिपार्टमेंट ये पूरा डाटा निकाल रहा है कि कितने एमराल्ड का बिल बना और कितना बिना बिल बिका है,और कितने एमराल्ड को दूसरे आइटम मैं खपाया गया,GST वाले सभी व्यापारीयो के साल आखिरी मैं क्लोजिंग स्टॉक से भी मिलान करेगे सभी सिस्टम ऑनलाइन और कंप्यूटर पर होने से GST विभाग के लिए अब डाटा एनालिसिस करना बहुत आसान हो गया है.
6. आज कल लगभग हर ट्रक मालिक ने अपने ट्रक मैं निजी रुप से ड्राइवर पर निगरानी रखने के लिए जीपीएस सिस्टम लगा रखा है, सरकार फर्जी बिलो को रोकने के लिए वाहनों के लोकशन और कौन सा ट्रक किस तारीख़ को किस शहर से किस शहर के बीच माल ले जा रहा था , उस निजी जीपीएस सिस्टम से भी जानकारी रिकॉर्ड मैं ले रही है, सभी वाहनों के आगे और पीछे से सभी टोल प्लाजा के सी सी कैमरे मैं रिकार्डिंग हो रही है. सावधानी हटी दुर्घटना घटी हालाँकि यह जरुरी नहीं के ये सारा काम जल्दी ही 100% होने लगेगा लेकिन शुरुआत हो गई है. टेस्ट चेक भी होगा तो कुछ व्यापारी भाई परेशानी में पड़ सकते हैं. आपको सलाह दी जाती है कि छोटे लाभ के चक्कर में ऐरे गैरे व्यापारी या फर्मो से GST का माल नहीं खरीदें और अगर खरीदें तो उसके GSTIN से उसकी रिटर्न फाइलिंग देख लें कि उसकी कॉम्पलियन्सइ पूरी है या नहीं और ये भी सुनिश्चित कर ले की वो समय से GST का सरकार को भुगतान भी कर रहा है कि नही, सभी हवाला व्यापारियों पर सरकार की नज़र है | 2019 में चाहे कोई भी सरकार आये GST विभाग तो अपना रेवेन्यू बढ़ाने के लिए पूरेप्रयास करेगा और चुनाव खत्म होते ही जांच पड़ताल शुरू होने की संभावना है.
लेखक आर्थिक मामलों के जानकार है