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नए ग्राहक जोड़ने में बीएसएनएल हुई सबसे आगे

Alok Mishra
21 Aug 2018 9:10 AM GMT
नए ग्राहक जोड़ने में बीएसएनएल हुई सबसे आगे
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नए ग्राहकों को जोड़ने में बीएसएनएल ने प्राइवेट कंपनियों को पीछे छोड़ा है.

नई दिल्ली : भारत संचार निगम लिमिटेड ने दावा किया है कि उसने 2017-18 में ग्राहक जोड़ने के मामले में भारती एयरटेल, वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्युलर जैसी प्राइवेट सेक्टर की टेलिकॉम कंपनियों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है। कंपनी का कहना है कि वह इस साल नेटवर्क विस्तार पर 4,300 करोड़ रुपये खर्च कर मुनाफा कमाने की योजना बना रही है।


बीएसएनएल के चेयरमैन अनुपम श्रीवास्तव ने इकनॉमिक टाइम्स को बताया, '2017-18 में बीएसएनएल का सब्सक्राइबर्स जोड़ने का पर्सेंटेज सबसे ज्यादा 11.5 पर्सेंट रहा।' उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री स्टैटिस्टिक्स से पता चलता है कि इस दौरान भारती एयरटेल ने 9.5 पर्सेंट, वोडाफोन ने 3.8 पर्सेंट और आइडिया ने 3.2 पर्सेंट ग्रोथ दर्ज की। श्रीवास्तव ने बताया कि पिछले वित्त वर्ष में 1.13 करोड़ यूजर्स ने प्रतिद्वंद्वी कंपनियों को छोड़कर बीएसएनएल को अपनाया।


यह ग्रोथ ऐसे समय हुई है, जब सितबंर 2016 में जियो की एंट्री के बाद से इंडस्ट्री में ग्राहकों को जोड़ने की होड़ तेज हो गई है। टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया के डेटा के मुताबिक, मार्च 2018 में बीएसएनएल का वायरलेस सब्सक्राइबर बेस 11.16 करोड़ था। इससे पहले यह दिसंबर 2017 में 10.79 करोड़ और मार्च 2017 में 10.1 करोड़ था। समान अवधि में मार्केट लीडर भारती एयरटेल के ग्राहकों की संख्या 27.36 करोड़ से बढ़कर 30.87 करोड़ हो गई।


मुकेश अंबानी की जियो की एंट्री से एयरटेल समेत सभी मौजूदा कंपनियों के रेवेन्यू और मुनाफे को चोट पहुंची थी। वहीं, रिलायंस कॉम्युनिकेशंस और टाटा टेलिसर्विसेज जैसी कंपनियों को मैदान छोड़ना पड़ा और एयरसेल ने खुद को दिवालिया घोषित कर दिया। बीएसएनएल भी प्रतिस्पर्धा से प्रभावित हुई। कंपनी ने 2017-18 में प्रोविजनल और अनऑडिटेड के तौर पर 4,785 करोड़ रुपये का नेट लॉस दर्ज किया।


बीएसएनएल को 2016-17 में 4,786 करोड़ रुपये का नेट लॉस हुआ। 31 मार्च 2018 को खत्म हुए वित्त वर्ष में बीएसएनएल की आमदनी घटकर 27,818 करोड़ रुपये हो गई, जो एक साल पहले 31,533 करोड़ रुपये थी। हालांकि, सरकारी दूरसंचार कंपनी का इरादा वित्त वर्ष 2018-19 में इंफ्रास्ट्रक्चर एक्सपैंशन और नेटवर्क मॉडर्नाइजेशन एक्टिविटीज पर 4,300 करोड़ रुपये खर्च करने का है।

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