आर्थिक

पी चिदंबरम बोले, Budget 2020 का संदेश समझ में नहीं आया और सुधार में विश्वास नहीं करती सरकार

Shiv Kumar Mishra
1 Feb 2020 1:55 PM GMT
पी चिदंबरम बोले, Budget 2020 का संदेश समझ में नहीं आया और सुधार में विश्वास नहीं करती सरकार
x

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2020 पेश कर दिया है. वित्त मंत्री ने सबसे लंबा बजट भाषण दिया. वहीं बजट को लेकर विपक्ष से प्रतिक्रिया आनी भी शुरू हो गई है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि इतना लंबा बजट भाषण सुनकर थक गया हूं.

पी चिदंबरम ने कहा कि बजट 2020-21 में क्या संदेश था, यह समझ नहीं आ रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार ने अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने, विकास दर में तेजी लाने, निजी निवेश को बढ़ावा देने, दक्षता बढ़ाने, नौकरी देने पर सरकार ने हाथ खड़े कर दिए हैं. चिदंबरम ने कहा कि सरकार सुधारों में विश्वास नहीं करती है और संरचनात्मक सुधारों में तो बिल्कुल भी नहीं करती है.

उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता, संरक्षणवाद, नियंत्रण और आक्रामक कराधान जैसों से बीजेपी सरकार की पहचान की गई है. बजट इन सब की पुष्टि करता है. सरकार वास्तव में एक बाजार अर्थव्यवस्था, प्रतिस्पर्धा या उच्च व्यापार तीव्रता में विश्वास नहीं करती है. मुख्य आर्थिक सलाहकार को बहुत निराश व्यक्ति होना चाहिए.

गैर-जिम्मेदाराना दावा

पी चिदंबरम का कहना है कि सरकार इस बात से पूरी तरह इनकार कर रही है कि अर्थव्यवस्था को व्यापक आर्थिक चुनौती का सामना करना पड़ रहा है और विकास दर में लगातार छह तिमाहियों में गिरावट आई है. बजट में ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे हमें विश्वास हो कि विकास 2020-21 में फिर से बढ़ेगा. अगले साल विकास दर का 6 से 6.5 प्रतिशत वृद्धि का दावा आश्चर्यजनक और यहां तक ​​कि गैर-जिम्मेदाराना है.

चिदंबरम ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था मांग-विवश और निवेश-भूखी है. वित्त मंत्री ने इन दोनों चुनौतियों को स्वीकार नहीं किया है. नतीजतन, उन्होंने उन दो चुनौतियों का कोई उपाय या समाधान प्रस्तावित नहीं किया है. अगर दोहरी चुनौतियां बनी रहीं, तो अर्थव्यवस्था नहीं बदलेगी और लाखों गरीबों और मध्यम वर्ग को कोई राहत नहीं मिलेगी.

Tags
Shiv Kumar Mishra

Shiv Kumar Mishra

Next Story