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मोदी कैबिनेट ने लिए 5 बड़े फैसले, नुमालीगढ़ रिफाइनरी का 22,594 करोड़ रु से होगा विस्तार
नई दिल्ली : केंद्र की मोदी सरकार ने आयकर रिटर्न मिलने में लगने वाले समय को घटाकर एक दिन पर लाने के लिए 4,241.97 करोड़ रुपये की एक परियोजना को मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को दिल्ली में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। दूसरा फैसला, सरकार ने बिजली उत्पादन क्षेत्र की चार केंद्रीय कंपनियों के अधिकारियों के नये वेतनमानों को मंजूरी दी है। तीसरा फैसला, देश में 13 नये केन्द्रीय विश्वविद्यालय खोले जाने के लिए आठ हज़ार एक सौ तेरह करोड़ रुपये के बजट को बुधवार को मंजूरी दे दी। चौथा फैसला, सरकार ने 22 हजार 594 करोड़ रुपये की लागत से असम की नुमालीगढ़ रिफाइनरी की क्षमता 30 लाख टन से बढ़ाकर 9० लाख टन सालाना करने की मंजूरी दी है। पांचवा फैसला, सरकार ने भारतीय नियार्त-आयात बैंक (एग्जिम बैंक) के पुन: पूँजीकरण के लिए उसमें छह हजार करोड़ रुपये के निवेश का निर्णय लिया है।
1- ऑनलाइन आयकर रिटर्न प्रक्रिया सरल
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बैठक में लिये गये निर्णयों की जानकारी देते हुये संवाददाताओं को बताया कि ऑनलाइन आयकर रिटर्न प्रक्रिया सरल बनाने के उद्देश्य से एकीकृत ई-फाइलिंग एवं केन्द्रीकृत प्रोसेसिंग (सीपीसी) परियोजना 2.0 को मंजूरी प्रदान की गयी है। यह परियोजना 18 महीने में पूरी होगी और इसके पूर्ण होने पर आयकर रिटर्न की प्रोसेसिंग एक दिन में हो जाएगी जबकि अभी इसमें 63 दिन लग रहे हैं। उन्होंने बताया कि इससे आयकरदाताओं को जहाँ एक ही में रिटर्न मिलने से आसानी होगी, वहीं सरकार को रिटर्न में देरी के कारण लगने वाले ब्याज की बचत होगी। इसमें आयकर रिटर्न की प्री-फाइलिंग की भी व्यवस्था होगी। मंत्रिमंडल ने चालू वित्त वर्ष में सीपीसी आईटीआर 1.0 परियोजना के लिए 1,482.44 करोड़ रुपये की समग्र लागत भी अनुमोदित कर दी है।
2- विद्युत उत्पादन कंपनियों के अधिकारियों को मिलेगा नया वेतन
सरकार ने बिजली उत्पादन क्षेत्र की चार केंद्रीय कंपनियों के अधिकारियों के नये वेतनमानों को मंजूरी दी है। लिमिटेड (एनएचपीसी), नॉर्थ ईस्ट इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन (एनईईपीसीओ), टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड (पूर्ववतीर् टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड) और सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएन) के बोर्ड स्तर के अधिकारियों से नीचे वाले अधिकारियों के नये वेतनमानों के नियमन को मंजूरी दी है। पीयूष गोयल ने बताया कि इस मंजूरी से विद्युत मंत्रालय के आदेशों के अनुसरण हाइड्रो क्षेत्र के केन्द्रीय सार्वजनिक उद्यमों द्वारा लागू किए गए वेतनमानों को नियमित किया जाएगा। वेतनमानों के नियमन के लिए लगभग 323 करोड़ रुपये की कुल लागत होगी। इससे एक जनवरी 2007 से पहले हाइड्रो क्षेत्र के केन्द्रीय सार्वजनिक उद्यमों में शामिल लगभग 5,254 अधिकारियों को लाभ होगा।
3- तेरह नये केन्द्रीय विश्वविद्यालयों के लिए 8113 करोड़ रूपए मंजूर
कुछ साल पहले अलग-अलग राज्यों में 13 केन्द्रीय विश्वविद्यालय बनाने का फैसला लिया गया था। पिछली सरकार ने इसका मूल बजट तीन हज़ार एक सौ बीस करोड़ रुपए का बनाया था। विलम्ब से बनने के कारण इसका बजट बढ़कर आठ हज़ार एक सौ तेरह करोड़ रुपए हो गया। इनमें से साढ़े चार हज़ार करोड़ रुपये पहले ही खर्च हो चुके हैं। अब पिछली तारीख से चौदह सौ करोड़ रुपये को मंज़ूर किया गया है। इसके अलावा शेष 3600 करोड़ रुपये को भी मंज़ूरी दी गयी। इस तरह कुल लगभग पांच हज़ार करोड़ रुपये को मंज़ूरी दी गई। नये विश्वविद्यालय बिहार, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, कनार्टक, केरल, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, तमिलनाडु और जम्मू -कश्मीर में खोले जायेंगे।
4- तीन गुणा की जाएगी नुमालीगढ़ रिफाइनरी की क्षमता
नुमालीगढ़ रिफाइनरी की क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से कच्चे तेल की आपूर्ति के लिए पारादीप से नुमालीगढ़ तक कच्चे तेल की पाइपलाइन बिछाई जाएगी। वहीं, शोधित पेट्रोलियम उत्पाद भेजने के लिए नुमालीगढ़ से सिलिगुड़ी तक एक अन्य पाइपलाइन बिछाई जायेगी। इस परियोजना पर कुल 22,594 करोड़ रुपये की लागत आयेगी। पीयूष गोयल ने बताया कि मंजूरी और संवैधानिक स्वीकृतियों के बाद यह परियोजना चार साल में पूरी हो जायेगी। उन्होंने ने बताया कि परियोजना के लिए राशि ऋण, इक्विटी और वायेबल गैप फंडिंग के जरिये जुटाई जाएगी। नुमालीगढ़ रिफाइनरी 15,1०2 करोड़ रुपये की राशि ऋण के जरिये जुटायेगी। रिफाइनरी की प्रवर्तक कंपनियाँ भारत पेट्रोलियम कॉपोर्रेशन, ऑयल इंडिया लिमिटेड और असम सरकार शेयर के माध्यम से 2,307 करोड़ रुपये की पूंजी उपलब्ध कराएगी। वायेबल गैप फंडिंग के माध्यम से केंद्र सरकार 1,020 करोड़ रुपये की राशि देगी। उन्होंने बताया कि रिफाइनरी की क्षमता बढ़ने से पूवोर्त्तर के राज्यों में पेट्रोलियम उत्पादों की कमी दूर होगी। क्षेत्र में कच्चे तेल की उपलब्धता बढ़ने से पूवोर्त्तर की अन्य रिफाइनरियों के लिए भी आसानी होगी। इससे असम में रोजगार के प्रत्यक्ष एवं परोक्ष अवसर पैदा होंगे।
5- एग्जिम बैंक में छह हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगी सरकार
सरकार ने एग्जिम बैंक की अधिकृत पूंजी को 10 हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर 20 हजार करोड़ रुपये करने की भी स्वीकृति दी है। उन्होंने कहा कि एग्जिम बैंक में पूंजी निवेश के लिए 6000 करोड़ रुपये के पुनर्वित्त बांड जारी किये जाएंगे। यह निवेश दो चरणों में होगा जिसमें चालू वित्त वर्ष में 4,500 करोड़ रुपये का और अगले वित्त वर्ष में 1500 रिपीट 1500 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिस तरह से सरकारी बैंकों को पूंजी दी गयी है उसी तरह से एक्जिम बैंक में भी निवेश किया जायेगा। पीयूष गोयल ने बताया कि इस निवेश से एग्जिम बैंक वस्त्र उद्योग को मदद करने के साथ ही छूट वाली वित्तीय स्कीम को गति देने में भी सहायक हो सकेगा।