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20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज में किसे क्या मिला? जानें- वित्त मंत्री की बड़ी बातें
बीते मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संकट के बीच अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए कल 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया था. इस पैकेज के बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विस्तार से जानकारी दी.
- इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग की डेडलाइन बढ़ा दी गई है. इसे 30 सितंबर कर दिया गया है. इसी तरह विवाद से विश्वास स्कीम की डेडलाइन को 31 दिसंबर 2020 तक कर दी गई है. पहले ये 30 जून तक के लिए था.
- टैक्सपेयर्स को 31 मार्च 2021 तक टीडीएस कटौती में 25 फीसदी की राहत मिली है. बता दें कि सरकार टीडीएस (TDS) के जरिये टैक्स जुटाती है. टीडीएस विभिन्न तरह के आय के स्रोत पर काटा जाता है. इसमें सैलरी, किसी निवेश पर मिले ब्याज या कमीशन आदि शामिल हैं.
- रियल एस्टेट के मामले में एडवाइजरी जारी होगा कि सभी प्रोजेक्ट्स को मार्च से आगे 6 महीने तक मोहलत दी जाए.
- डिस्कॉम यानी बिजली वितरण कंपनियों की मदद के लिए इमरजेंसी लिक्विडिटी 90,000 करोड़ रुपये दी जाएगी.
- नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी, माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के लिए 30,000 करोड़ की विशेष लिक्विडिटी स्कीम लाई जा रही है. इससे नकदी का संकट नहीं रह जाएगा.
- एनबीएफसी को 45,000 करोड़ की पहले से चल रही योजना का विस्तार होगा. वहीं आंशिक ऋण गारंटी योजना का विस्तार होगा, इसमें डबल ए या इससे भी कम रेटिंग वाले एनबीएफसी को भी कर्ज मिलेगा.
ईपीएफ पर बड़ी राहत
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि सरकार अब अगस्त तक कंपनी और कर्मचारियों की तरफ से 12 फीसदी + 12 फीसदी की रकम EPFO में जमा करेगी. इससे करीब 75 लाख से ज्यादा कर्मचारियों और संस्थाओं को फायदा मिलेगा. बता दें कि मार्च, अप्रैल और मई में भी सरकार ने ही कंट्रीब्यूट किया था.मतलब ये कि इस सुविधा को तीन महीने के लिए बढ़ा दिया गया है.
- लेकिन इसके साथ कुछ शर्तें हैं. सरकार की इस ऐलान का फायदा सिर्फ उन्हीं कंपनियों को मिलेगा, जिनके पास 100 से कम कर्मचारी है और 90 फीसदी कर्मचारी की सैलरी 15,000 रुपये से कम है. यानी 15 हजार से ज्यादा तनख्वाह पाने वालों को इसका फायदा नहीं मिलेगा.
- कर्मचारियों का 12 फीसदी की जगह 10 फीसदी ईपीएफ कटेगा. हालांकि पीएसयू में 12 फीसदी ही ईपीएफ कटेगा.
Definition of MSMEs has been revised, investment limit to be revised upwards, additional criteria of turnover also being introduced: Finance Minister Nirmala Sitharaman pic.twitter.com/BHYcGWD9H2
— ANI (@ANI) May 13, 2020
एमएसएमई सेक्टर की परिभाषा बदल दी गई
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि एमएसएमई यानी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग की परिभाषा बदल दी गई है. इसमें निवेश की लिमिट में बदलाव किया गया है. 1 करोड़ निवेश या 10 करोड़ टर्नओवर पर सूक्ष्म उद्योग का दर्जा दिया जाएगा.
- इसी तरह 10 करोड़ निवेश या 50 करोड़ टर्नओवर पर लघु उद्योग का दर्जा दिया जाएगा. वहीं 20 करोड़ निवेश या 100 करोड़ टर्नओवर पर मध्यम उद्योग का दर्जा होगा.निर्मला सीतारमण ने बताया कि मौजूदा दौर में ट्रेड फेयर संभव नहीं है.
- 200 करोड़ तक का टेंडर ग्लोबल नहीं होगा. यह एमएसएमई के लिए बड़ा कदम है. इसके अलावा एमएसएमई को ई-मार्केट से जोड़ा जाएगा. सरकार एमएसएमई के बाकी पेंमेंट 45 दिनों के अंदर करेगी.
- वित्त मंत्री के मुताबिक 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज में से 3 लाख करोड़ एमएसएमई यानी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग को जाएंगे. इनको बिना गारंटी लोन मिलेगा. इसकी समयसीमा 4 साल की होगी. इन्हें 12 महीने की छूट मिलेगी. ये ऑफर 31 अक्टूबर 2020 तक के लिए है. 200 करोड़ तक का टेंडर ग्लोबल नहीं होगा. यह एमएसएमई के लिए बड़ा कदम है. इसके अलावा एमएसएमई को ई-मार्केट से जोड़ा जाएगा. सरकार एमएसएमई के बाकी पेंमेंट 45 दिनों के अंदर करेगी.
- वित्त मंत्री के मुताबिक 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज में से 3 लाख करोड़ एमएसएमई यानी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग को जाएंगे. इनको बिना गारंटी लोन मिलेगा. इसकी समयसीमा 4 साल की होगी. इन्हें 12 महीने की छूट मिलेगी. ये ऑफर 31 अक्टूबर 2020 तक के लिए है.
- वित्त मंत्री के मुताबिक जो एमएसएमई तनाव में हैं उन्हें सबआर्डिनेट डेट के माध्यम से 20000 करोड़ की नकदी की व्यवस्था की जाएगी. बता दें कि एसएमई में लघु और मझोले कारोबार आते हैं.
- वित्त मंत्री के मुताबिक एमएसएमई जो सक्षम हैं, लेकिन कोरोना की वजह से परेशान हैं, उन्हें कारोबार विस्तार के लिए 10,000 करोड़ के फंड्स ऑफ फंड के माध्यम से मदद दी जाएगी.
- वित्त मंत्री के मुताबिक सार्वजनिक क्षेत्र को बैंकों से जुड़े सुधार, बैंकों के रिकैपिटलाइजेशन जैसे काम किए गए.
- वित्त मंत्री के मुताबिक 41 करोड़ जनधन अकाउंट होल्डर्स के खाते में डीबीटी ट्रांसफर किया गया है.
- वित्त मंत्री ने बताया कि 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज को लेकर चर्चा में पीएम मोदी के अलावा कई विभागों और संबंधित मंत्रालय चर्चा में शामिल रहे.
पीएम ने किया था ऐलान
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संकट के दोर में इकोनॉमी को सहारा देने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के तगड़े बूस्टर डोज का ऐलान किया है. मंगलवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में पीएम मोदी ने बताया कि इस पैकेज देश की इकोनॉमी को सहारा मिलेगा और दुनिया में भारत नेतृत्व करने की क्षमता हासिल कर सकेगा. पीएम ने कई सेक्टर में बोल्ड सुधारों का ऐलान किया है. पीएम ने कृषि से लेकर इन्फ्रास्ट्रक्चर, टैक्स तक सभी सेक्टर में सुधारों का ऐलान किया.