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मनीष कुमार गुप्ता
इनकम टैक्स विभाग एक ऐसी योजना शुरू कर रहा है जिसके अंदर अब आप इनकम टैक्स की रिटर्न का काफी बड़ा हिस्सा पहले से भर करके देगा। इसका अर्थ यह हुआ कि अगर डिपार्टमेंट तक आप की सूचना है लगभग ठीक हैं तो आप मात्र 4 मिनट के अंदर अपनी इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। यह जानकारी सीबीडीटी के वरिष्ठ अधिकारियों ने दी है।
जाने यह कैसे होगा। वर्तमान समय में यदि आप अपना इनकम टैक्स लॉगइन करके इनकम टैक्स की रिटर्न भरने के लिए इनकम टैक्स का पहले से भरा हुआ XML file डाउनलोड करते हैं तो आपका नाम, पिता का नाम, परमानेंट अकाउंट नंबर , पता और बैंक अकाउंट आदि इसी तरह की सारी डिटेल भरी रहती है। इसके साथ ही अगर आपका कोई टीडीएस काटा गया है तो वह भी टीडीएस/ एडवांस टैक्स वाले सेक्शन में भरा हुआ मिलता है। ऐसे ही आपके नियोक्ता की भी सारी जानकारी भरी हुई मिलती है। विभिन्न प्रकार की आय और उसकी गणना हमें स्वयं करनी होती थी।
आने वाले समय में इनकम टैक्स विभाग आपकी इस समस्या को भी समाधान करने का प्रयास कर रहा है जिसके अंतर्गत विभाग की जानकारी के मुताबिक आपकी अनुमानित आय को भी भर कर दे सकता है और जिस टीडीएस को दर्शाया गया गया है उस टीडीएस से सबंधित आय को आपके इनकम टैक्स के फार्म में भरके दे देगा। अगर यह रकम ठीक है तो उस पर अगला बटन दबाते ही इनकम टैक्स कैलकुलेट कर देगा। इसके साथ ही विभाग या अन्य सरकारी को अन्य स्रोतों से मिली जानकारी के आधार पर आप की अनुमानित आए उस फॉर्म में भर कर दे सकता है।
इसके अलावा आपके द्वारा किए गए विभिन्न में निवेश और संपत्तियों की खरीद से संबंधित सूचना भी फॉर्म भर कर दे सकता है। आप इस दी गई इंफॉर्मेशन को अपनी सुविधा से बदल सकते हैं और ठीक और जांच की गई आए बिना किसी चिंता के दिखा सकते हैं लेकिन कहीं ना कहीं हमें यह जानकारी रहेगी कि हमारी कौन कौन सी ऐसी आए हैं जिनकी जानकारी इनकम टैक्स विभाग को है और हमें ऐसी इनकम पर जरूर टैक्स चुका देना चाहिए अन्यथा केस स्क्रुटनी में लगने की संभावना रहेगी।
इसका नतीजा यह होगा अगर कोई व्यक्ति इस भुलावे में हो कि उसकी फला आए पर विभाग की नजर नहीं है तो पता चल जाएगा और उस पर टैक्स चुका दिया जाएगा इस तरह सरकार की कर संग्रह में वृद्धि होगी और साथ ही भ्रष्टाचार से बचाव होगा।
करदाता को पहले ही पता लग जाएगा कि आयकर विभाग की उस पर कहां तक नजर है और ऐसी स्थिति में वह है उन पर आयकर की गणना कर समायोजित कर लेगा ताकि स्क्रुटनी के चक्कर में फंसने से बच सकें और भ्रष्टाचार मैं भी इस कदम से भारी कमी आएगी ऐसा विश्वास है।
लेखक चार्टेड एकाउंटेंट है और आर्थिक मामलों के जानकार है