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पांच साल पहले आज ही के दिन मोदी सरकार ने किया था यह बड़ा बदलाव
आज आठ नवंबर है। पांच साल पहले यानी 2016 में आज ही के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रात आठ बजे देश को संबोधित किया था और 500 व 1000 रुपये के नोटों को अवैध घोषित कर दिया था। यह फैसला जिस वक्त लिया गया, उस वक्त चलन में मौजूद करेंसी का 86 फीसदी हिस्सा इन्हीं दोनों नोटों का था। उस दौरान देश में बैंकों के बाहर लोगों की लंबी-लंबी कतारें आज तक जेहन में जिंदा हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोट बंदी के ऐलान के बाद तत्काली वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जहां सरकार ने नई 500 और 2000 की नोट सार्वजनिक किया। सरकार ने नोटबंदी के दो दिन बाद से लोग बैंको में जाकर अपनी नोट बदलवा सकते हैं। हालांकिसरकार ने नोट बदलने की राशि तय कर दी थी जिसके तरह पहले एटीएम से 2500 रुपये निकाल सकते थे, वहीं कुछ दिनों बाद इसे बढ़ाकर चार हजार कर दिया गया।
नोटबंदी के पांच साल के बाद नकदी का चलन जरूर बढ़ा है लेकिन इस दौरान डिजिटल लेनदेन भी तेजी से बढ़ा है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार डेबिट/क्रेडिट कार्ड, नेट बैंकिंग और यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) जैसे माध्यमों से डिजिटल भुगतान में भी बड़ी वृद्धि हुई है। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) का यूपीआई देश में भुगतान के एक प्रमुख माध्यम के रूप में तेजी से उभर रहा है। इन सबके बावजूद चलन में नोटों का बढ़ना धीमी गति से ही सही, लेकिन जारी है।