- होम
- राष्ट्रीय+
- वीडियो
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- Shopping
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- आजीविका
- विविध+
1 जुलाई से इनकम टैक्स विभाग रिटर्न दाखिल न करने बालों के खिलाफ लगाम कस रहा है
ऐसे कर दाता जिन्होंने पिछले 2 वर्षों की आयकर रिटर्न फाइल नहीं की है और पिछले दोनों वर्षों में टीडीएस या टीसीएस ₹50000 से अधिक था तू ऐसे मामलों में अब इस वर्ष 1 जुलाई 2021 से उनका टीडीएस अब वर्तमान प्रभावी दर से दुगने पर या 5% जो दोनों में अधिक हो से काटा जाएगा।
इसका तात्पर्य है कि भुगतान करने वाले को टीडीएस काटते समय उनसे पिछले 2 वर्षों की इनकम टैक्स की रिटर्न की कॉपी मांगनी होगी और उपलब्ध न कराने पर टीडीएस का रेट डबल हो जाएगा।
ऐसा करने से सरकार अपने कई सारे हित साध रही है. सबसे पहले इस माध्यम से वह इनकम टैक्स की रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ाना चाहती है.
दूसरा महामारी के इस दौर में सरकार टैक्स ज्यादा कलेक्ट करना चाहती है अगर बाद में रिफंड भी करना पड़ा तो वह 1 साल बाद होगा और तात्कालिक तौर पर सरकार को फंड मुहैया हो जाएगा।
इसके अलावा सरकार यह भी चाहती है कि लोगों में इनकम टैक्स रिटर्न को समय से दाखिल करने की आदत बने। उदाहरण के तौर पर अगर किसी व्यक्ति या कंपनी का 1% या 2% टीडीएस कटता है उसका टीडीएस अब 5% कटेगा और इसी तरह अगर किसी का टीडीएस 10% कटता है तो अब उसका टीडीएस 20% की रेट से काटा जाएगा।
इसके अलावा सरकार उन लोगों पर खास निगाह रखना चाहती है जिनका टीडीएस तो कटता है लेकिन वह लोग रिटर्न जमा नहीं करना चाहते। ऐसा अनुमान है कि यह 50000 की सीमा को सरकार धीरे-धीरे घट आते हुए अगले 5 सालों में जीरो तक ले आएगी। ऐसा माना जाता है कि देश के करदाता जितनी ज्यादा संयमित अनुशासन प्रिय और इमानदार होंगे उस देश का उतना ही तीव्र विकास होगा।
ऐसे में एक प्रश्न उठता है कि अगर किसी की पिछले 2 वर्षों में कर योग्य आय ना हो तो क्या होगा जबकि टीडीएस काटा गया है तो, आयकर विभाग के अनुसार अगर आपकी कर योग्य आय से कम है फिर भी आप अपनी इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल कर सकते हैं और अपना रिफंड ले सकते हैं।
यह सेक्शन वेतन भोगी कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा। इसी तरह अनिवासी व्यक्तियों पर भी यह प्रावधान लागू नहीं होंगे।
उदाहरण के तौर पर अगर कोई विदेशी खिलाड़ी भारत में आता है और यहां यहां यहां उसकी इनकम पर टीडीएस कटता है तो यह प्रावधान लागू नहीं होंगे और टीडीएस सामान्य दर से ही कटेगा। हालांकि सरकार ने कमजोर और मध्यम वर्ग को राहत देते हुए इसमें एक शर्त जोड़ दी है कि जिस करदाता का पिछले 2 वर्षों में 50,000 या अधिक का टीडीएस या टीसीएस नहीं कटा है उन पर यह प्रावधान लागू नहीं होंगे।
अतः अगर दोहरे टीडीएस के बाहर से बचना चाहते हैं तो आपको अपनी जो भी से हो, चाहे कर योग्य हो या नहीं लेकिन उसकी रिटर्न फाइल करनी होगी।
इसी तरह अगर कोई व्यक्ति पिछले वर्ष या इस वर्ष 18 साल का हुआ है और उससे पहले उसकी कर योग्य आय नहीं थी तब भी उसकी रिटर्न भरी जा सकती है। ज्ञातव्य है कि आयकर अधिनियम के अनुसार सभी व्यक्ति अपनी इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल कर सकते हैं फिर चाहे वो वयस्क हों या अवयस्क। ठीक इसी तरह अगर कोई कंपनी पिछले साल में ही बनी है तो उसे अपने पिछले साल की रिटर्न दाखिल कर देनी चाहिए।
सीए मनीष कुमार गुप्ता