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सरकार का बड़ा फैसला, RBI की सीधी निगरानी में आए सहकारी बैंक, अब नहीं डूबेगा आपका पैसा
सहकारी बैंक अभी तक RBI की सीधी निगरानी में नहीं रहते थे लेकिन आज हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल में इससे जुड़ा एक अहम फैसला लिया गया। नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई इस बैठक सरकार ने फैसला किया है कि सभी सहकारी बैंकों को अब RBI की सीधी निगरानी में रखा जाएगा।
इस मामले की जानकारी देते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडे़कर ने कहा कि कैबिनेट ने एक अध्यादेश पारित किया था जिसपर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर हो गए हैं। जावडे़कर ने कहा कि अब जिस तरह शिड्यूल्ड बैंक को RBI रेगुलेट करता था उसी तरह अब सहकारी बैंकों पर भी नजर रखेगा। देश में 1482 शहरी सहकारी बैंक (Urban Cooperative bank) और 58 मल्टी-स्टेट कोऑपरेटिव बैंक हैं। कुल मिलाकर सभी 1540 सहकारी बैंक RBI के सीधे रेगुलेशन में आ गए हैं।
RBI की सीधी निगरानी में नहीं रहने की वजह से ही महाराष्ट्र में PMC बैंक का घोटाला हुआ था। दरअसल सहकारी बैंकों की निगरानी का जिम्मा अभी तक RBI की कोऑपरेटिव बैंक सुपरवाइजरी टीम का होता था। लेकिन सामान्य तौर पर कोऑपरेटिव बैंक छोटे लोन बांटते हैं लिहाजा यह सेक्शन कम सक्रिय रहता है। लिहाजा कई बार गड़बड़ियों का पता वक्त पर नहीं चल पाता, जैसा PMC सहकारी बैंक के मामले में हुआ।
इतना ही नहीं छोटे कॉपरेटिव बैंक की जांच या ऑडिटिंग 18 महीने में एक बार होती है लेकिन PMC जैसे बड़े बैंक की ऑडिटिंग एक साल में होती है। ऐसे में अब इन पर भी शिड्यूल बैंक की की तरह निगरानी होगी और ऑडिट बढ़ेगा जिससे ग्राहकों के पैसे डूबने का खतरा कम होगा।