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मार्च में जीएसटी कलेक्शन घटकर 97,597 करोड़ रुपये रह गया
कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन की वजह से सरकार के रेवेन्यू पर असर पड़ा है. इसका असर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) कलेक्शन पर भी पड़ने की आशंका है. इस बीच, सरकार ने अप्रैल माह के जीएसटी कलेक्शन आंकड़े जारी नहीं किए हैं.
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने बताया कि सरकार किसी एक महीने में नकदी संग्रह के आधार पर जीएसटी के आंकड़े जारी करती है. हालांकि, सरकार ने अप्रैल के जीएसटी कलेक्शन के आंकड़े जारी करने के लिए रिटर्न जमा करने की बढ़ी हुई तारीख तक इंतजार करने का फैसला किया है. एजेंसी के एक सूत्र ने कहा, ''सरकार जीएसटी कलेक्शन के आंकड़े जारी करने से पहले पांच मई का इंतजार करेगी.'' एक अन्य सूत्र ने कहा कि जीएसटी कलेक्शन काफी कम रहने की वजह से संभवत: सरकार ने आंकड़े जारी नहीं किए हैं.
आपको बता दें कि किसी महीने की कारोबारी गतिविधियों के लिए जीएसटी रिटर्न अगले महीने की 20 तारीख तक भरना होता है. ऐसे में मार्च की गतिविधियों के लिए रिटर्न 20 अप्रैल तक दाखिल किया जाना था. अब इस तारीख को बढ़ाकर पांच मई कर दिया गया है.
90 फीसदी तक गिरावट की आशंका
जानकारों का कहना कि लॉकडाउन की वजह से अप्रैल महीने में असम, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश के वस्तु एवं सेवा कर (GST) संग्रह में 80 से 90 फीसदी की भारी गिरावट आई है. यही नहीं, केंद्र का भी अप्रैल महीने का कलेक्शन 45,000 से 50,000 करोड़ रुपये तक ही हो सकता है, जबकि पहले यह एक महीने में करीब 1 लाख करोड़ रुपये तक होता था. जानकारों के मुताबिक पहाड़ी राज्यों का हाल सबसे बुरा हो सकता है, क्योंकि उनका राजस्व पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी से आता है.
मार्च का ये रहा हाल
इससे पहले मार्च महीने में जीएसटी कलेक्शन घटकर 97,597 करोड़ रुपये रह गया. इसमें से केंद्रीय जीएसटी का हिस्सा 19,183 करोड़ रुपये रहा. इसी तरह राज्य जीएसटी संग्रह 25,601 करोड़ रुपये रहा. वहीं, फरवरी में जीएसटी संग्रह 1.05 लाख करोड़ रुपये रहा था.