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भारत में रिटेल जगत के पितामह माने जाने वाले किशोर बियानी ने रिटेल जगत के नए सम्राट मुकेश अंबानी के सामने घुटने टेकते हुए अपना पूरा रिटेल साम्राज्य उन्हें एक मोटी रकम लेकर सौंप तो दिया है लेकिन इसके बाद बियानी FMCG उद्योग में नई सल्तनत बनाने भी निकल पड़े हैं.
दरअसल, फ्यूचर ग्रुप के तहत बनी कई कंपनियों के जरिए बिग बाज़ार जैसे कई शीर्ष ब्रांड वाली रिटेल चेन के मालिक किशोर बियानी कारोबार में विस्तार करने की धुन में लगभग 25 हजार करोड़ के भारी- भरकम कर्ज में डूब चुके थे. कोरोना के चलते अचानक हुए लॉकडाउन से रिटेल कारोबार भी थम गया, जिसके चलते बियानी को कर्ज की किश्त देना भी मुहाल हो गया था. ऐसे में मरता क्या न करता की तर्ज पर उन्होंने अपना पूरा रिटेल कारोबार मुकेश अंबानी को बेच दिया.
कारोबार बेचने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अंबानी से मिले पैसे से बियानी अपना ज्यादातर कर्ज चुका देंगे. साथ ही, बचे खुचे कर्ज के लिए फ्यूचर जेनेरेली नाम से चल रहे अपने बीमा कारोबार को भी एसबीआई को बेचकर वह पूरी तरह से कर्ज मुक्त हो जाएंगे. इसके लिए एसबीआई से उनकी अंतिम चरण की वार्ता फिलहाल चल रही है.
ऐसे में कई लोग यह पूछ सकते हैं कि रिटेल व बीमा कारोबार बेचने के बाद बियानी यदि इससे केवल अपना कर्ज ही चुका पा रहे हैं और फ्यूचर ग्रुप की रिटेल कारोबार करने वाली कम्पनी समेत कई और कम्पनियों का कारोबार बेचते समय अगले पंद्रह साल तक उससे दूर रहने की अंबानी की शर्त भी अगर उन्होंने मान ली है, तो फिर बियानी क्या इसके बाद ठन ठन गोपाल नहीं हो जाएंगे?
इसका जवाब है.... कतई नहीं. बल्कि हजारों करोड़ के भारी - भरकम कर्ज की जंजीरों से मुक्त होने के बाद बियानी के तो और तेज रफ्तार से आगे बढ़ने की पूरी उम्मीद है.... और कोई बड़ी बात नहीं होगी यदि बहुत ही जल्द बियानी रिटेल के अपने पुराने साम्राज्य से कहीं बड़ा साम्राज्य FMCG उद्योग में खड़ा कर लें.....
इसी मकसद से रिटेल कारोबार में अपना सब कुछ बेच कर कर्ज चुकाने और रिटेल से तौबा कर लेने के बावजूद बियानी ने अपने पास एक कम्पनी अभी भी रखी हुई है, जिसका नाम फ्यूचर एंटरप्राइजेज लिमिटेड है.
मूलतः यह कम्पनी FMCG कारोबार वाली कम्पनी है. रिलायंस को अपने सारे स्टोर बेचते समय बियानी ने उनसे एक शर्त यह भी मनवा ली कि पहले ही तरह बियानी की यह कम्पनी न सिर्फ फ्यूचर ग्रुप से रिलायंस में जा रहे बिग बाजार आदि स्टोर को माल सप्लाई करेगी बल्कि रिलायंस भी पहले से मौजूद अपने रिटेल चेन स्टोर के लिए इस कम्पनी से माल लेगी. इसके अलावा, बियानी ने रिलायंस को भी अपनी कम्पनी फ्यूचर एंटरप्राइजेज लिमिटेड में लगभग 14 परसेंट की हिस्सेदारी खरीदने के लिए मना लिया है.
यानी बियानी अब FMCG के अपने कारोबार पर ही पूरा ध्यान केंद्रित करने जा रहे हैं, उसमें रिलायंस पार्टनर है और यह कारोबार उनकी वह कम्पनी करेगी, जो न सिर्फ पूरी तरह से कर्ज मुक्त होगी बल्कि इस कम्पनी के सभी उत्पाद को रिलायंस जैसी देश की शीर्ष रिटेल कम्पनी खरीदेगी भी. फिर बियानी का उद्योग जगत में जो रुतबा, साख और अनुभव है, उसके चलते यह अंदाजा भी कोई भी व्यक्ति बड़ी ही आसानी से लगा सकता है कि FMCG उद्योग जगत में भी बियानी रिटेल की ही तरह विस्तार के लिए बड़े-बड़े निवेश/निवेशक और साझीदार भी बहुत जल्द जुटा लेंगे. अमेजॉन से इस क्षेत्र में बियानी की पार्टनरशिप पहले से ही है.
कुल मिलाकर यह कि बियानी भले ही रिटेल के अपने पसंदीदा क्षेत्र से बाहर हो गए हों मगर जिस सूझ बूझ के साथ वह अपनी मजबूत कम्पनी फ्यूचर एंटरप्राइजेज लिमिटेड को लेकर रिलायंस जैसे बड़े साझीदार के साथ FMCG उद्योग पर ही फोकस करके कदम आगे बढ़ा रहे हैं, उससे रिटेल का साम्राज्य उनके हाथ से निकलने के बावजूद FMCG उद्योग में उनकी नई सल्तनत स्थापित हो जाने की पूरी उम्मीद जगती नजर आ रही है.