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5 नहीं साढ़े 6 लाख रुपए तक नहीं लगेगा एक भी रुपए टैक्स, जानिए- कैसे?
नई दिल्ली :लोकसभा में अंतरिम बजट पेश करते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने आयकर छूट की सीमा बढ़ा दी है. लोकसभा चुनाव से पहले ये आम आदमी को सरकार की तरफ से बड़ा तोहफा है. सरकार आयकर छूट की सीमा ढाई से लाख रुपये से बढ़ाकर सीधे 5 लाख रुपये कर दिया है. मोदी सरकार अंतरिम बजट में आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर मिडिल क्लास को खुश कर दिया है. गौरतलब है कि इससे पहले इनकम टैक्स में आयकर छूट का दायरा ढाई लाख रुपये तक था, जिसे अब बढ़ा दिया गया है.
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने यदि 6.5 लाख रुपये तक की कमाई करने वाले प्रोविडेंट फंड और अन्य इक्विटीज में निवेश करते हैं तो कोई टैक्स नहीं देना होगा. यूं तो सरकार ने पांच लाख रुपए तक की आमदनी को टैक्स फ्री कर दिया है, लेकिन अगर आप LIC, मेडिकल, पीएफ में निवेश करते हैं, तो आपको पूरे-पूरे 6.50 लाख रुपए तक कोई भी टैक्स नहीं लगेगा. आसान भाषा में कहें तो पहले पांच लाख रुपए कमाने पर जो आप 13 हजार रुपए टैक्स देते थे, वो अब जीरो (0) हो गया है.
मालूम हो कि इससे पहले प्रणब मुखर्जी ने साल 2012 में आयकर छूट की सीमा को 1.8 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये किया था. उसके बाद 2014 में आयकर छूट की सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये की गई. इनकम टैक्स लिमिट और सेक्शन 80 से के तहत छूट को 2014 में बढ़ाया गया था, पिछले 5 साल से इसमें बढ़ोतरी नहीं हुई थी.
इस ऐलान से पहले टैक्स स्लैब में 2.5 लाख रुपये तक सालाना कमाई पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता था. जबकि 2.5 से 5 लाख रुपये की आय पर 5 फीसद की दर से टैक्स लगता था. 5-10 लाख रुपये की सालाना आय पर 20 फीसदी और 10 लाख रुपये से अधिक की सालाना आय पर 30 फीसदी कर लगता था. हालांकि सरकार आयकर छूट बढ़ाने का संकेत पहले ही दे दिया था.