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अभी और रुलायेगा प्याज, स्टॉक की सीमा पर विचार कर रही है सरकार
प्याज के भावों में तेजी अब उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का सबब बन रही है। कर्नाटक, आंध्र प्रदेश में हुई भारी बारिश के कारण फसल के खराब होने और इसके पिछड़ने से मंडियों में आवक घट गई है। कम आवक के कारण प्याज के दामों में तेजी आ गई है। राष्ट्रीय राजधानी और देश के अन्य हिस्सों में प्याज का खुदरा भाव 70 से 80 रुपये प्रति किलोग्राम की ऊंचाई पर पहुंच चुका है। ऐसे में केंद्र सरकार प्याज व्यापारियों के भंडारण की सीमा तय करने पर विचार कर रही है।
सूत्रों का कहना है कि प्रमुख प्याज उत्पादक राज्यों में मानसून की भारी बारिश से आपूर्ति प्रभावित हुई है जिसकी वजह से इसकी कीमतों में उछाल आया है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में पिछले सप्ताह प्याज की खुदरा कीमत 57 रुपये किलो रही। वहीं मुंबई में यह 56 रुपये, कोलकाता में 48 रुपये और चेन्नई में 34 रुपये किलो थी।
गुरुग्राम और जम्मू में प्याज 60 रुपये किलो पर पहुंच गया है। हालांकि, आंकड़ों के अनुसार पिछले सप्ताह के अंत तक प्याज के खुदरा दाम 70 से 80 रुपये किलो पर पहुंच गए। इससे पिछले सप्ताह यह 50 से 60 रुपये किलो थे।
केंद्र सरकार की तरफ से प्याज की कीमतों को नियंत्रण में लाने के लिए पिछले कुछ हफ्तों में कई कदम उठाए गए हैं, जिससे घरेलू सप्लाई को बढ़ाया जा सके। हालांकि अगर इसके बावजूद भी प्याज की कीमतें नियंत्रण में नहीं आती हैं, तो केंद्र सरकार व्यापारियों के लिए प्याज के स्टॉक की लिमिट को तय कर सकती है। व्यापारियों का कहना है कि देश के ज्यादातर हिस्सों में अभी भंडारण वाला प्याज बेचा जा रहा है। खरीफ या गर्मियों की फसल नवंबर से बाजार में आएगी।
सूत्र ने कहा कि आपूर्ति में यह बाधा सीमित समय के लिए है। यदि अगले दो-तीन दिन में स्थिति सामान्य नहीं होती है तो सरकार व्यापारियों के लिए गंभीरता से भंडारण की सीमा तय करने पर विचार कर रही है। मौसम विभाग के अनुसार प्रमुख प्याज उत्पादक क्षेत्रों विशेषरूप से महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, गुजरात, पूर्वी राजस्थान और पश्चिमी मध्य प्रदेश में पिछले दो दिन में अत्यधिक बारिश हुई है।