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पेटीएम ग्राहक KYC के नाम पर एक दो नही इन 6 तरीकों से हो रहे है ठगी के शिकार

Sujeet Kumar Gupta
5 Feb 2020 12:18 PM GMT
पेटीएम ग्राहक KYC के नाम पर एक दो नही इन 6 तरीकों से हो रहे है ठगी के शिकार
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नई दिल्ली। बीते कुछ समय से पेटीएम की ओर से ग्राहकों को फ्रॉड से बचाने के लिए तरह-तरह के प्रयास किए जा रहे हैं. हाल ही में पेटीएम के पेमेंट बैंक (पीपीबी) ने गृह मंत्रालय, ट्राई और सीईआरटी-इन को 3,500 फोन नंबरों की सूची सौंपी है। तो वही साइबर ठगों ने पेटीएम केवाईसी के नाम पर ठगी के अलग-अलग तरीके तलाश कर लिए हैं। ठग एक ही झटके में लोगों के मेहनत की कमाई उनके खाते से उड़ा रहे हैं।

डेबिट व क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ठगी करने के बाद अब ठगों ने पेटीएम केवाईसी को ठगी का जरिया बना लिया है। नोएडा में आए दिन केवाईसी के नाम पर ठगी का कोई न कोई मामला सामने आ रहा है। ठग केवाईसी के बहाने सालभर में करोड़ों रुपये खाते से निकाल रहे हैं।

नोएडा-ग्रेटर नोएडा में जनवरी 2020 में पेटीएम केवाईसी के नाम पर ठगी के करीब 29 केस दर्ज किए गए। इसके अलावा 8 से 10 शिकायतों की जांच की जा रही है। इन मामलों में ठगों ने करीब 8 लाख रुपये ग्राहकों के खाते से निकाले। यह पैसा ठगों ने पेटीएम केवाईसी के नाम पर अलग-अलग तरीके से निकाला। स्थिति यह है कि एक भी मामला पुलिस अभी तक ट्रेस नहीं कर सकी।

कैश बैक ऑफर का झांसा देकर एप डाउनलोड करा रहे

1. साइबर अपराधी पेटीएम अकाउंट का फर्जी लिंक बनाकर पेटीएम धारक को एक टेक्स्ट मैसेज भेजते हैं। मैसेज में कैशबैक का ऑफर दिया जाता है। इसके लिए पेटीएम धारक से केवाईसी भरवाया जाता है। पेटीएम का जो फर्जी लिंक भेजा जाता है। फिर लिंक से साइबर अपराधी पेटीएम अकाउंट में यूजर आईडी और पासवर्ड से लॉगइन कर उनके खाते से राशि दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर कर लेते है।

2. ठग तकनीकी सपोर्ट देने के बहाने ग्राहक के मोबाइल में एक छोटा रिमोट एप डाउनलोड कराते हैं। फिर रिमोट एप का कोड मांगते हैं और जैसे ही कोड मिलता है तो ग्राहक के स्मार्टफोन पूरा कंट्रोल ठग के हाथ में चला जाता है।

3. अधिकतर ठग ग्राहक के मोबाइल पर मैसेज या कॉल करके केवाईसी नहीं होने पर पेटीएम बंद होने का डर दिखाते हैं। फिर केवाईसी के नाम पर पेटीएम खाते की डिटेल ले पैसा निकालते हैं।

4. कई मामलों में सामने आया है कि ठग एक मैसेज भेजकर ग्राहक को पैसा रिफंड का लालच देता है। पैसे के लालच में ग्राहक पेटीएम की सारी जानकारी ठग को दे देता है।

5. पेटीएम ठगी के कई मामलों में देखा गया है कि ठग ग्राहक से एप डाउनलोड कराने के बाद केवाईसी चेक करने के नाम पर 1 रुपये का कोई भी ट्रांजेक्शन करने को कहते हैं। जैसे ही ग्राहक ट्रांजेक्शन करते हैं, तो पूरी डिटेल ठगों के पास चली जाती है। फिर ठग खाते से रुपये निकाल लेते हैं।

6.ग्राहकों के पास कॉल करने वाले ठग खुद को पेटीएम कस्टमर केयर टीम का कर्मचारी बताकर जाल में फंसाते हैं। ताकि ग्राहक को आसानी से फंसा सके। आरोपी के झांसे में आकर ग्राहक फर्जी एप को डाउनलोड कर लेता है। इतना ही नहीं ठगों ने पेटीएम कस्टमर केयर के नाम से कई फर्जी नंबर भी इंटरनेट पर अपलोड कर रखे हैं। इन नंबरों को सही मानकर कुछ यूजर कॉल करते हैं। फिर ठग उन्हें झांसे में लेते हैं।

ऐसे करें बचाव

डिजिटल पेमेंट के लिए साइबर कैफे या फ्री वाई-फाई का प्रयोग न करें। भुगतान के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले पेमेंट गेटवे की वेबसाइट आधिकारिक हो।

किसी के कहने पर मोबाइल पर एप डाउनलोड न करें। फर्जी एप से मोबाइल पर आए मैसेज व ओटीपी को पढ़ सकता है।

केवाईसी कराने के लिए पेटीएम अपना प्रतिनिधि भेजता है। प्रतिनिधि की सारी डिटेल उपभोक्ता के मैसेज की जाती है।

ओएलएक्स या कहीं से सेकेंड हैंड चीजें खरीदते वक्त सामान की डिलीवरी से पहले किसी भी हाल में पेमेंट न करें।

साइबर क्राइम का शिकार होने पर गृह मंत्रालय की ओर से जारी टॉल-फ्री नंबर 155260 पर कॉल करें।

कोई भी बैंक व वॉलेट कंपनी कभी भी कॉल करके केवाईसी का वेरिफिकेशन नहीं कराती।

किसी नंबर से पेटीएम केवाईसी कराने के लिए कॉल आता है तो उस पर विश्वास न करें

न तो कभी किसी के भेजे क्यूआर कोड को स्कैन करें और न ही यूपीआइ पिन डालें

फ्रॉड ट्रांजैक्शन होने पर तुरंत कार्ड ब्लॉक कराएं और बैंक से लेकर डिस्प्यूट फॉर्म जरूर भरें।

किसी के कहने पर डेबिट कार्ड नंबर, उसका सीवीवी नंबर, ओटीपी आदि न बताएं।

एटीएम से पैसे निकालने से पहले जांच लें कि उसमे स्किमर तो नहीं लगा।

नोटिफिकेशन भेजकर यूपीआइ पिन डालने को कहता है तो वह ठग है।

मैसेज व ई-मेल भेजकर लॉटरी के नाम पर ठगी से बचें।

किसी के कहने पर से कोई एप इंस्टॉल न करें


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