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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल में छह लाख 30 हजार करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया। पिछले साल उन्होंने करीब 21 लाख करोड़ रुपए के पैकेज का ऐलान किया था। सरकार ने दोनों पैकेज के जरिए लोगों को सिर्फ कर्ज लेने के लिए प्रेरित करने का काम किया।
लेकिन हैरानी की बात है कि लोग सरकार के इतने बड़े पैकेज के बावजूद उससे कर्ज नहीं ले रहे हैं, बल्कि सोना गिरवी रख कर कर्ज ले रहे हैं और अपना जीवन चला रहे हैं। लोगों की हालत ऐसी हो गई है कि वे अपनी बुनियादी जरूरतों के लिए सोना गिरवी रख रहे हैं। गिरवी रखा सोना वापस लेने वालों की संख्या भी अचानक गिर गई है, जिससे कर्ज देने वालों बैंकों में सोने की नीलामी तेज हो गई है।
रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा तेज विकास गोल्ड लोन के सेगमेंट में हुआ है। मई 2020 से मई 2021 तक 15,686 करोड़ रुपए का गोल्ड लोन लिया गया। यह सरकारी बैंकों का आंकड़ा है। गोल्ड लोन देने वाली कंपनियों ने इससे कई गुना ज्यादा कर्ज दिया है। अकेले मल्लापुरम गोल्ड लोन ने एक साल में 95 हजार करोड़ रुपए का गोल्ड लोन दिया।
आम लोगों का संकट कितना भयावह है यह इस बात से पता चलता है कि इस कंपनी ने इस साल मार्च की तिमाही में 404 करोड़ का सोना नीलाम किया, जबकि इससे पहले की तीन तिमाही में सिर्फ आठ करोड़ रुपए का सोना नीलाम किया गया था।