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RBI ने दिया बड़ा झटका, महंगा होगा कर्ज लेना, रेपो रेट 4.90% से बढ़कर 5.40% हुआ

Arun Mishra
5 Aug 2022 10:39 AM IST
RBI ने दिया बड़ा झटका, महंगा होगा कर्ज लेना, रेपो रेट 4.90% से बढ़कर 5.40% हुआ
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इसका असर लोगों के होम लोन से लेकर पर्सनल लोन तक की ईएमआई (EMI) पर दिखने वाला है.

RBI Monetary Policy August 2022 Announcement: आज भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Governor Shaktikanta Das) द्विमासिक मौद्रिक नीति (RBI MPC) के फैसलों की घोषणा कर रहे हैं। लगातार बढ़ रही महंगाई के बीच आरबीआई के सामने अर्थव्यवस्था को और गति देने सहित कई चुनौतियां हैं।

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikant Das) ने बताया कि इस बार रेपो रेट (Repo Rate Hike) को 0.50 फीसदी बढ़ाने का निर्णय लिया गया है. इसके साथ ही पिछले चार महीने में रेपो रेट 1.40 फीसदी बढ़ चुका है. अब इसका असर लोगों के होम लोन (Home Loan) से लेकर पर्सनल लोन (Personal Loan) तक की ईएमआई (EMI) पर दिखने वाला है.

आरबीआई की एमपीसी की बैठक में महंगाई दर के साथ आर्थिक परिदृश्य को लेकर भी चर्चा हुई। केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट (Repo Rate) को फिर से बढ़ाने का फैसला लिया है। बेंचमार्क ब्याज दर 50 बीपीएस बढ़ाकर 5.40 फीसदी कर दी गई है। स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी (SDF) 5.15 फीसदी और एमएसएफ रेट 5.65 फीसदी हो गई है।

रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की यह बैठक पहले सोमवार से बुधवार तक होने वाली थी, लेकिन कुछ कारणों से इसे टालना पड़ा था. रिजर्व बैंक ने महंगाई को काबू करने के लिए इस साल मई महीने से रेपो रेट को बढ़ाने (Repo Rate Hike) की शुरुआत की है. रिजर्व बैंक ने मई महीने में मौद्रिक नीति समिति की आपात बैठक (RBI MPC Meeting) बुलाई थी. महंगाई बेहिसाब बढ़ जाने के कारण रिजर्व बैंक को ऐसा करना पड़ा था. मई 2022 की बैठक में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 0.40 फीसदी बढ़ाया था. उसके बाद जून महीने में मौद्रिक नीति समिति की नियमित बैठक हुई थी, जिसमें रेपो रेट को 0.50 फीसदी बढ़ाया गया था. आरबीआई ने मई महीने में करीब दो साल बाद पहली बार रेपो रेट में बदलाव किया था. करीब दो साल तक रेपो रेट महज 4 फीसदी पर बना रहा था. अब रेपो रेट बढ़कर 5.40 फीसदी पर पहुंच गया है.

गवर्नर ने यह भी कहा कि मौद्रिक नीति समिति ने मुद्रास्फीति पर काबू के लिए नरम नीतिगत रुख को वापस लेने पर ध्यान देने का फैसला किया है. उन्होंने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने आर्थिक वृद्धि का अनुमान घटाते मंदी का जोखिम जताया है.

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