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Personal Loan को लेकर रिजर्व बैंक ने जारी किया नया आदेश, लिमिट 25 गुना बढ़ाया गया, जानिए पूरी बात
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने आज एक सर्कुलर जारी किया है. इस सर्कुलेर के मुताबिक किसी भी बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स, मैनेजिंग डायरेक्टर और चेयरमैन के परिवार के सदस्यों को अपने या किसी दूसरे बैंक से मिलने वाले पर्सनल लोन की लिमिट को 25 गुना बढ़ा दिया है. अब इसकी मैक्सिमम लिमिट 5 करोड़ रुपए कर दी गई है जो पहले 25 लाख थी.
इस सर्कुलर के मुताबिक कोई बैंक अपने बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स या चेयरमैन और उनके क्लोज फैमिली मेंबर्स को अधिकतम 5 करोड़ का लोन दे सकता है. 25 लाख की पुरानी लिमिट 1996 में तय की गई थी जिसे रिवाइज किया गया है. रिजर्व बैंक ने अपर लिमिट में इसलिए बढ़ोतरी का फैसला किया है क्योंकि पिछले तीन दशकों में महंगाई बहुत ज्यादा बढ़ी है. इसके अलावा लिमिट बढ़ाए जाने से बैंकिंग दुनिया के एक्सपर्ट्स भी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में शामिल होंगे. इससे फाइनेंशियल सिस्टम मजबूत होगा. 25 लाख की वर्तमान लिमिट को 25 साल पहले 1996 में ही तय किया गया था.
मैनेजमेंट कमिटी से मंजूरी जरूरी
अपने सर्कुलर में रिजर्व बैंक ने यह भी कहा कि जब तक इसको लेकर बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स या मैनेजमेंट कमिटी से मंजूरी नहीं मिल जाती है तब तक कोई भी बैंक एडवांस या लोन के रूप में इसे जारी नहीं कर सकता है. BOD से मंजूरी मिलने के बाद ही स्पाउस और डिपेंडेंट चिल्ड्रन के अलावा किसी रिलेटिव को यह लोन जारी किया जा सकता है. यह नियम मैनेजिंग डायरेक्टर, अन्य डायरेक्टर और चेयरमैन पर लागू होता है.
चंदा कोचर ने पद का किया था दुरुपयोग
पूर्व में यह देखा गया है कि बैंक को BOD और चेयरमैन ने अपने पद का गलत इस्तेमाल किया और परिवार वालों को इसका गलत फायदा पहुंचाया गया. ICICI बैंक की पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ चंदा कोचर का मामला याद ही होगा. उन पर आरोप लगा था कि उन्होंने अपने पद का गलत इस्तेमाल किया और वीडियोकॉन को 3250 करोड़ का लोन जारी किया गया. इस डील को पूरा करने के लिए वीडियोकॉन के वेणुगोपाल धूत ने चंदा कोचर के पति की कंपनि NuPower Renewables में 64 करोड़ का निवेश किया था.