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पेट्रोल पंप खोलने के नियम हुए आसान, ऐसे उठाएं मौके का फायदा
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने पेट्रोल पंप खोलने के नियम में बड़ा बदलाव किया है. इस बदलाव के बाद पेट्रोल पंप खोलना काफी आसान हो गया है. दरअसल, सरकार ने ईंधन क्षेत्र में नई उदारीकृत खुदरा नीति जारी की है.
इस नीति के तहत ईंधन की खुदरा बिक्री के क्षेत्र में उतरने वाली कंपनियों को देशभर में कम से कम 100 पेट्रोल पंप लगाने होंगे. अहम बात ये है कि इनमें से 5 फीसदी पेट्रोल पंप दूरदराज इलाकों में होने चाहिए.
कहने का मतलब ये है कि कंपनियां देश के अलग-अलग इलाकों में पेट्रोल पंप खोलने के लिए फ्रेंचाइजी देंगी. ऐसे में अगर आप भी पेट्रोल पंप की फ्रेंचाइजी लेने को इच्छुक हैं तो जल्द ही मौका बनने वाला है.
लाइसेंस पाने वाली कंपनी को पेट्रोल पंप का परिचालन शुरू होने के 3 साल के भीतर सीएनजी, बायो ईंधन, एलएनजी, इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन आदि जैसे वैकल्पिक माध्यमों में से किसी एक के डिस्ट्रिब्यूशन की सुविधा भी लगानी होगी.
इससे पहले पेट्रोल पंप का लाइसेंस पाने के लिए एक कंपनी को पेट्रोलियम क्षेत्र में 2 हजार करोड़ रुपये निवेश करने की जरूरत होती थी.
बहरहाल, सरकार की नई नीति से वैश्विक स्तर की कंपनियों जैसे की फ्रांस की टोटल एसए, सउदी अरब की आरामको, ब्रिटेन की बीपी पीएलसी और ट्राफिगुरा की पुमा एनर्जी को भारतीय बाजार में आने का रास्ता मिलेगा.
बता दें कि इससे पहले फ्रांस की टोटल कंपनी अडाणी समूह के साथ मिलकर नवंबर 2018 में देश में 1,500 खुदरा पेट्रोल और डीजल पंप के लिए लाइसेंस का आवेदन कर चुकी है.
बीपी ने भी रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ मिलकर पेट्रोल पंप खोलने के वास्ते भागीदारी की है. इसी तरह अरामको क्षेत्र में उतरने के लिए बातचीत कर रही है.
फिलहाल, देश में वर्तमान में चल रहे 66,408 पेट्रोल पंपों में से ज्यादातर पंप सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों इंडियन ऑइल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल), हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) के ही हैं. इनके अलावा रिलायंस के 1,400 पेट्रोल पंप हैं. वहीं शेल के 167 पेट्रोल पंप ही हैं.