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एक और भारतीय को बड़ी कंपनी की कमान : भारतीय मूल के लक्ष्मण नरसिम्हन बने Starbucks के नए CEO, जानिए कौन हैं नरसिम्हन

Arun Mishra
2 Sept 2022 3:11 PM IST
एक और भारतीय को बड़ी कंपनी की कमान : भारतीय मूल के लक्ष्मण नरसिम्हन बने Starbucks के नए CEO, जानिए कौन हैं नरसिम्हन
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गूगल, ट्विटर जैसी कई बड़ी कंपनियों के बाद अब एक और दिग्गज इंटरनेशनल कंपनी स्टारबक्स ने भी एक भारतीय को अपना CEO चुना है.

Laxman Narasimhan : गूगल, ट्विटर जैसी कई बड़ी कंपनियों के बाद अब एक और दिग्गज इंटरनेशनल कंपनी स्टारबक्स ने भी एक भारतीय को अपना CEO चुना है. ग्लोबल कॉफी चेन स्टारबक्स ने गुरुवार को भारतीय मूल के लक्ष्मण नरसिम्हन को अपना नया चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) बनाने की अनाउंसमेंट की है.

नरसिम्हन एक अक्टूबर से स्टारबक्स से जुड़ जाएंगे और अगले साल कंपनी के मौजूदा सीईओ हॉवर्ड शुल्त्स (Howard Schultz) की जगह लेंगे. स्टारबक्स के सीईओ नियुक्त होने के ऐलान के बाद नरसिम्हन भी सुंदर पिचाई और पराग अग्रवाल के क्लब में शामिल हो गए हैं, जिनके हाथों में विदेशी कंपिनयों की कमान है. सुंदर पिचाई गूगल और पराग अग्रवाल ट्विटर के सीईओ हैं.

Laxman Narasimhan के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें

Starbucks से पहले नरसिम्हन मैकिन्से एंड कंपनी (McKinsey & Company) में सीनियर पार्टनर थे. वह ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन (Brookings Institution) के ट्रस्टी भी हैं. लक्ष्मण नरसिम्हन सितंबर 2019 में रेकिट में शामिल हुए और 1999 में लॉन्च होने के बाद से कंपनी में पद संभालने वाले पहले बाहरी उम्मीदवार बने. Laxman Narasimhan ने पेप्सिको में वैश्विक मुख्य वाणिज्यिक अधिकारी के रूप में कई नेतृत्व भूमिकाएं भी निभा चुके हैं. नरसिम्हन ने कंपनी के लैटिन अमेरिका, यूरोप और उप-सहारा अफ्रीका के संचालन के सीईओ के रूप में भी काम किया है और पहले भी PepsiCo लैटिन अमेरिका के CEO और PepsiCo अमेरिका फूड्स के CFO के रूप में भी काम किया है.

ऐसा रहा है करियर

1993 से 2012 तक नरसिम्हन ने मैनेजमेंट कंसल्टेंसी फर्म McKinsey में काम किया है. 2012 में उन्होंने पेप्सिको ज्वाइन कर लिया था. यहां वे चीफ कर्मशियल ऑफिसर के पद पर रह चुके हैं. 2019 में वो रेकिट बेंकिजर ग्रुप पीएलसी के सीईओ बने थे. नरसिम्हन ने सार्वजनिक क्षेत्र में विशेष रूप से स्किल बिल्डिंग और शिक्षा के क्षेत्रों में प्रोजेक्ट का नेतृत्व किया है. वो अमेरिकन नॉन-प्रॉफिट फॉरेन पॉलिसी एसोसिएशन और ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन के एक थिंक टैंक के फेलो हैं. ब्रॉन्ड और कंज्यूमर बेस्ड स्ट्रेटजी डेवलप करने और डिजिटल इनोवेशन में उनका रिकॉर्ड शानदार रहा है है.

पुणे से की है इंजीनियरिंग की पढ़ाई

नरसिम्हन ने पुणे विश्वविद्यालय के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से पढ़ाई की है. इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद वे यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिल्वेनिया के व्हार्टन बिजनेस स्कूल चले गए थे. यहां से उन्होंने एमबीए की डिग्री हासिल की है. पुणे में जन्मे नरसिम्हन ने जर्मनी में मास्टर्स की पढ़ाई की है.

पेप्सिको-रेकिट के CEO थे नरसिम्हन

55 साल के नरसिम्हन UK बेस्ड कंपनी रेकिट के CEO थे। रेकिट ने गुरुवार को नरसिम्हन के अचानक कंपनी छोड़ने की अनाउंसमेंट की थी. इस अनाउंसमेंट की बाद रेकिट के शेयर में 5% की गिरावट देखने को मिली थी. इससे पहले नरसिम्हन ने पेप्सिको में CEO, ग्लोबल चीफ कमर्शियल ऑफिसर समेत कई लीडरशिप रोल निभाए थे.

मैकिन्से एंड कंपनी में भी किया काम

नरसिम्हन ने पेप्सिको के लेटिन अमेरिका, यूरोप और सब-सहारन अफ्रीका ऑपरेशंस के CEO के पद पर काम किया था. नरसिम्हन कंसल्टिंग फर्म मैकिन्से एंड कंपनी में सीनियर पार्टनर थे, जहां उन्होंने US, एशिया और इंडिया में अपने कंज्यूमर, रिटेल और टेक्नोलॉजी प्रेक्टिसेस पर फोकस किया था.

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