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सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली के 3 डायरेक्टर्स को कोर्ट रूम से सीधा भेजा जेल, कागजात न सौंपने का आरोप!
नई दिल्ली : हजारों निवेशकों की रकम के गड़बड़झाले में फंसी आम्रपाली ग्रुप के तीन डायरेक्टर को आज सुप्रीम कोर्ट के कोर्ट रूम से ही पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस यू यू ललित की बेंच ने तीनों डायरेक्टर अनिल शर्मा, अजय कुमार, शिवप्रिया को पुलिस हिरासत में भेज दिया। कोर्ट की नाराजगी इस बात को लेकर थी कि फॉरेंसिक ऑडिट के लिए दस्तावेज सौंपने के अदालत के बार-बार दिए गए निर्देश के बावजूद अभी तक दस्तावेज क्यों नहीं सौंपे गये।
जस्टिस अरुण मिश्रा ने आम्रपाली को फटकार लगाते हुए कहा आप अदालत के साथ लुका छुपी का खेल नहीं खेल सकते हैं। हमने फॉरेंसिक ऑडिट के लिए दस्तावेज सौंपने का आदेश दिया था, आपने उसका पालन नहीं किया। आप अदालत की गरिमा के साथ खेल रहे है, जानबूझकर कोर्ट के आदेश को धता बता रहे है।
कोर्ट ने साफ किया कि आम्रपाली के तीनों डायरेक्टर तब तक पुलिस कस्टडी में रहेंगे, जब तक ग्रुप की 46 कम्पनियों का हरेक दस्तावेज ऑडिट के लिए फॉरेंसिक ऑडिटर्स को नहीं सौंपा जाता। चाहे फिर उसमें एक दिन का वक्त या महीने का, कोर्ट इसकी परवाह नहीं करता।
कस्टडी में लेने के आदेश के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट ने तीनों डायरेक्टर को अवमानना नोटिस जारी किया। कोर्ट ने पूछा कि अदालत के आदेश की जानबूझकर अवहेलना के चलते क्यों न पर अदालत की अवमानना का मुकदमा चलाया जाए।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट डीआरटी को आम्रपाली की कुछ सम्पतियों की नीलामी का आदेश दे चुका है। इन सम्पतियों की बिक्री से करीब 1600 करोड़ की उगाही होगी। आम्रपाली की सम्पतियों की बिक्री से मिलने वाली करीब 1600 करोड़ की रकम सुप्रीम कोर्ट परिसर में मौजूद बैंक में जमा होगी।
इसके साथ ही कोर्ट ने अपनी ओर से नियुक्त फॉरेंसिक ऑडिटर से कहा था कि वो 60 दिन के अंदर रिपोर्ट सौंपे कि कितनी रकम का कैसे गबन हुआ है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप के सभी डायरेक्टर का चल अचल संपत्ति का ब्यौरा भी मांगा था ताकि उन्हें बेचकर अधूरे प्रोजेक्ट का निर्माण किया जा सके।
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पिछली सुनवाई में NBCC ने कोर्ट को बताया था कि आम्रपाली ग्रुप के उन तमाम प्रोजेक्ट को टेकओवर करने के लिए तैयार हैं, जिसके पूरे होने का इतंजार 42 हजार लोगों को है। कोर्ट ने एनबीसी से कहा था कि वो 30 दिन के अंदर विस्तृत प्लान पेश करें। निर्माण कार्य कब तक पूरा होगा, प्लान में इसकी जानकारी दें।