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क्या होगा राखी का व्यापार? काम करने वाले लोग भुखमरी के कगार पर
व्यापारी के लिए 2020 एक भयानक दुःस्वप्न की तरह से है भारत में त्यौहार और शादियां इन दोनों पर ही व्यापार टिका हुआ है लॉकडाउन के कारण होली का डण्डा गढ़ने के बाद 15 अप्रेल के बाद से शुरू होने वाला शादी का सीजन पूरी तरह से बर्बाद हो गया और यदि त्योहारों की बात की जाए तो वहा भी स्थित बेहद खराब है रक्षाबंधन, दशहरा, दीवाली जैसे बड़े त्योहारों के लिए सौदे अप्रैल से ही होने लगते हैं।
लेकिन इस बार लॉकडाउन के कारण सौदे नहीं हो पाए। कोरोनावायरस के बढ़ते मामले और आर्थिक मंदी के बीच कमजोर बिक्री के खटके से कारोबारी अब सौदे करने के बहुत इच्छुक भी नहीं दिखते। आम जनता की तंग हालत देखकर कारोबारी ज्यादा सामान मंगाने से डर रहे हैं।
क्योंकि बिक्री नहीं हुई तो घाटा उठाना पड़ेगा देश में त्योहारों पर 6 से 8 लाख करोड़ रुपये तक का कारोबार होता है अब राखी की ही बात की जाए तो रक्षाबंधन अगस्त में आता है मगर तैयारी अप्रैल से शुरू हो जाती है और जून तक काफी सौदे हो जाते हैं।
मगर इस बार लॉकडाउन के कारण तैयारी ही शुरू नहीं हुई। बाजार भी लगभग बंद है, जिसकी वजह से व्यापारियों को लग रहा है कि पिछले 30 सालो में राखी का सबसे बुरा कारोबार इसी बार होगा।