- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
566 ब्रांच वाले लक्ष्मी विलास बैंक का 25 शाखाओं वाले बैंक में मर्जर क्यों?
गिरीश मालवीय
ऐसा पहली बार हो रहा है कि 25 शाखाओं वाले बैंक में 566 ब्रांच वाले बैंक का मर्जर किया जा रहा है. विश्व के बैंकिंग इतिहास में यह अनोखी घटना है. हम बात कर रहे हैं DBS बैंक में लक्ष्मी विलास बैंक के मर्जर की.
कर्मचारियों की संख्या से लिहाज से भी देखे तो लक्ष्मी विलास के कर्मचारियों की संख्या 4,349 है. जबकि DBS बैंक की कर्मचारियों की संख्या 4 के आँकड़े में भी नही पुहंची होगी.
लक्ष्मी विलास बैंक देश के सबसे पुराने बैंकों में शुमार है इसकी अलग-अलग राज्यों में 566 ब्रांच, 973 ATM मशीनें हैं. वहीं, dbs बैंक की मात्र 25 शाखाएं अभी तक खुली है. जबकि यह 1994 से भारत मे काम कर रहा है, केंद्रीय बैंक ने किसी भारतीय बैंक को विदेशी मूल वाले किसी दूसरे बैंक के साथ विलय का आदेश दिया है. डीबीएस बैंक सिंगापुर का सबसे बड़ा बैंक है.
बैंक के बढ़ते एनपीए और इसे चलाने में आ रही कठिनाइयों के बीच केन्द्र सरकार ने सिंगापुर की सबसे बड़े ऋणदाता डीबीएस बैंक के लोकल यूनिट डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड (डीबीआईएल) के साथ विलय करने को कहा है. ऐसा पहली बार है जब किसी भारतीय बैंक को सुरक्षित रखने के लिए उसके विदेश प्रतिद्वंद्वी बैंक को चुना है.
आरबीआई ने कहा, ''विलय योजना को मंजूरी मिलने पर इसकी प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड (डीबीआईएल) में सिंगापुर का डीबीएस बैंक 2500 करोड़ रुपये (46.3 करोड़ सिंगापुर डॉलर) लगाएगा. इसकी फंडिंग पूरी तरह से डीबीएस के मौजूदा संसाधनों से की जाएगी.''
दरअसल 2017 में सरकार ने DBS बैंक की शाखाओं को भारत मे विस्तार करने से इसलिए रोक दिया था सिंगापुर ने भारतीय स्टेट बैंक और आईसीआईसीआई जैसे बैंकों को कम्प्रेहेन्सिव इकोनॉमिक को-ऑपरेशन एग्रीमेंट (सीईएसए) के तहत कुछ पॉलिसी का हवाला देते हुए अपने बाजार में विस्तार करने से रोक दिया। इसके परिणामस्वरूप भारत सरकार ने भी भारत में डीबीएस बैंक के रिटेल विस्तार को भी रोक दिया था
एक ओर बात है FDI को लेकर सिंगापुर तेजी से से मॉरीशस को पीछे छोड़ रहा है भारत मे काले धन की राउण्ड ट्रिपिंग को लेकर सिंगापुर पहले से ही बदनाम है इस तथ्य की।पुष्टि इस बात से भी होती है कि कुछ महीने पहले अमेरिका ने फिनसेक पेपर्स बाहर आए हैं इन कागजो की जांच ककरने से पता चलता है कि DBS बैंक के भारत मे संदिग्ध लेनदेन काफी बढ़े हुए हैं DBS बैंक से 26 बार में इलाहाबाद बैंक में करीब 14.42 करोड़ डॉलर भेजे गए। सिंगापुर मुख्यालय वाला डीबीएस से इंडियन ओवरसीज बैंक को 21 लेनदेन के जरिये 16.23 करोड़ डॉलर भेजे गए। ये लेनदेन 3 नंवबर, 2015 से 14 अप्रैल, 2016 के बीच किए गए थे। ऐसे ओर भी रिकार्ड है.
सबसे बड़ी बात तो यह है कि आरबीआई ने यह डिसिजन किस बिना पर लिया कि लक्ष्मी विलास बैंक का मर्जर DBS में ही किया जाए! इस बात की कोई जानकारी नही है बैंक एम्प्लाइज एसोसिएशन ने भी इस बात पर सवाल खड़े किए हैं