Old Pension Scheme: पुरानी पेंशन बहाली पर सस्पेंस खत्म! केंद्र की मोदी सरकार ने दिया ये जवाब
नई दिल्ली: इन दिनों पुरानी पेंशन स्कीम का मुद्दा काफी चर्चा में है. हाल ही में हुए यूपी चुनाव में ये चुनावी मुद्दा बना. सरकारी कर्मचारी लंबे समय से इसकी मांग कर रहे हैं. देश के कई राज्यों ने ओपीएस को लागू कर दिया है जिनमें राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड के नाम हैं. लेकिन केंद्र सरकार ने संसद में साफ कर दिया कि सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन (OPS) बहाल करने जैसा कोई प्रस्ताव सरकार का नहीं है.
विपक्ष ने पूछा था सवाल
दरअसल, संसद में विपक्षी सांसद ने ओपीएम लागू करने को लेकर सवाल पूछा था. उन्होंने पूछा था कि क्या केंद्र सरकार भी नई पेंशन योजना खत्म करके केंद्रीय कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल करने जा रही है? यदि केंद्र सरकार इस तरह का मन बना रही है तो क्या कदम उठाए जाएंगे और यदि सरकार की इस तरह की कोई मंशा नहीं है तो इसकी वजह क्या है.
There is no proposal under consideration to scrap New Pension System (NPS) and to revert to Old Pension system, Govt informs Rajya Sabha pic.twitter.com/1rHYLC8Erm
— All India Radio News (@airnewsalerts) March 15, 2022
'OPS लागू करने की केंद्र सरकार नहीं कर रही विचार'
जिस पर वित्त राज्यमंत्री डॉ भागवत कराड की ओर से लिखित में यह जवाब दिया गया. केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ भागवत कराड ने साफ कर दिया कि राजस्थान सरकार ने 23 फरवरी को बजट में पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की घोषणा की थी. यह व्यवस्था उन लोगों पर लागू की जाएगी, जिनकी नौकरी 1 जनवरी 2004 या उसके बाद शुरू हुई है. उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार इसे लागू करने के संबंध में अभी कोई विचार नहीं कर रही है.
पुरानी पेंशन बहाली को लेकर हो रहे हैं आंदोलन
गौरतलब है कि अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने 2003 में पुरानी पेंशन योजना को खत्म कर दिया था और सत्ता से बाहर होने से ठीक एक महीने पहले 1 अप्रैल 2004 को मौजूदा राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) शुरू की थी. इन दिनों राज्य स्तर पर ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर आंदोलन भी चलाए जा रहे हैं. पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने के लिए एक मंच पर सरकारी कर्मचारी एकजुट होने लगे हैं. 2010 के बाद सरकार ने नई पेंशन योजना (New Pension Scheme) के तहत कर्मचारियों को नियुक्त किया है. इस योजना में पुरानी स्कीम के मुकाबले कर्मचारियों को बहुत कम फायदे मिलते हैं.