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नई दिल्ली : कोरोनाकाल में ज्यादातर कर्मचारी और प्रोफेशनल वर्क फ्रॉम होम (WFH) कर रहे हैं लेकिन क्या आपको पता है कि ये आपकी टैक्स देनदारी बढ़ा रहा है। वर्क फ्रॉम होम करने से कन्वेंस अलाउंस (Conveyance allowance) और लीव ट्रैवल अलाउंस (LTA) जैसे अलाउंस टैक्स फ्री नहीं रहे क्योंकि अब कर्मचारी इसे रीइंबर्स नहीं कर पा रहे हैं। रीइंबर्स क्लेम नहीं आने के कारण कुछ कपनियां कन्वेंस अलाउंस को वेतन के साथ दे रहीं हैं जिसके कारण कर्मचारियों के लिए ये कर योग्य आय में आ गया है।
कन्वेंस अलाउंस और एलटीए नहीं रहे टैक्स फ्री
कोरोनाकाल के चलते ज्यादातर कर्मचारी अपने घर से काम कर रहे हैं और वह ऑफिस आने-जाने के लिए ट्रैवल नहीं कर रहे हैं। कर्मचारी वेकेशन पर नहीं जा पा रहे हैं जिसके कारण वह एलटीए क्लेम भी नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में कर्मचारी खर्चे दिखाकर इन अलाउंस को रीइंबर्स नहीं कर पा रहे हैं। जो खर्चे रीइंबर्स होते हैं वह टैक्स देनदारी का हिस्सा नहीं होते। टैक्स फ्री अलाउंस रीइंबर्स नहीं करने से ये वेतन का हिस्सा बन गए हैं और टैक्स देनदारी बढ़ा रहे हैं।
किराया बचाना भी बढ़ा रहा है टैक्स
यदि घर का किराया बचाने अपने किराये के घर को छोड़कर अपने पारिवारिक घर में चले गए हैं, तो हो सकता है आपको ज्यादा टैक्स चुकाना पड़े क्योंकि टैक्स फ्री हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए) अब आपको टैक्स छूट के तहत उपलब्ध नहीं होगा।
वर्क फ्रॉम होम अलाउंस पर भी लगेगा टैक्स
अगर आपकी कंपनी ने वर्क फ्रॉम अलाउंस दिये हैं तो उन पर भी टैक्स चुकाना होगा क्योंकि ये आपकी आय का हिस्सा माना जाएगा।
इतनी बढ़ सकती है टैक्स देनदारी
अगर किसी व्यक्ति की सीटीसी (कॉस्ट टू कंपनी)10 लाख रुपये है जिसमें एचआरए, कन्वेंस, एलटीए और कम्यूनिकेशन रीइंबर्समेंट आपके वेतन का हिस्सा होते हैं। अगर आप अपने किराये के घर को खाली करते हैं और ये स्थिति पूरे वित्त वर्ष तक जारी रहती है तो आप वित्त वर्ष 2020-21 में 60 फीसदी ज्यादा टैक्स भरेंगे।