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*ख़्वाब नींद चुराता है.....*

Desk Editor
4 July 2021 6:20 AM GMT
*ख़्वाब नींद चुराता है.....*
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एक सूरत तेरी ज़ालिम है।

एक अदा तेरी कातिल है।

एक ख्वाब तेरा जो निंद

से जगा कर बातें करता है।

एक ख़्याल तेरा जो रोज

मेरे सुकूँन से लड़ रहा है।

एक तेरी आने की आहटे

जो हमें हर वक़्त सताती है।

एक तेरा चेहरा जो अँधेरो

में हमे गुमराह कर रहा है।

एक तेरी हँसी जो तड़पा

कर हमें पागल कर रही है।

एक ईश्क़ है जो हमारी

आँखो से नींद चुराता है।

एक तेरा साया जो हमारे

साया आस पास रहता है।

*नीक राजपूत*


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