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- सवाल? लेकिन सवाल ये है...
सुनील कुमार मिश्र
मान लीजिए आपके पेट मे दर्द है और आप डाक्टर के पास जाते है। डाक्टर विभिन्न जाँचें कराकर सबसे पहले आपका रोग चिन्हित करता है और फिर बीमार अंग के विशिष्ट योग्यता प्राप्त डाक्टर से इलाज कराने की सलाह देता है। आपने सही क्रम का इस्तेमाल किया और आप दुरुस्त हो गये। ठीक ऐसै ही नियम लागू होते है👉आपके मन मे राजनीति, समाज, महंगाई, बेरोजगारी कानून व्यवस्था, शिक्षा और स्वास्थ्य, देश की संप्रभुता को लेकर उठने वाले सवालों पर। हम अभी सवालो के मामले मे बहुत पिछड़े है। हमारे पास सवाल है👉पर हम उन सवालों को सम्बंधित क्षेत्र के सर्वाधिक उपयुक्त व्यक्ति से सीधा दाग देते है, बिना यह जाने कि बंदे को अपनी बनियान के बारे मे नही पता की पहने भी है या नही और आपने उससे सम्बंधित विभाग के बारे मे सवाल कर दिया👉जिसका वो सर्वेसर्वा है?
इसीलिए विगत वर्षों से सवाल पूँछे जा रहे है, लेकिन उन के उत्तर नही आ रहे है। दरअसल रोग चिन्हित होने के बाद आप सम्बधित विशिष्ट पहले सवाल तैयार कर ले, फिर सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी कर ले कि इस सवाल को पूँछना किससे है, यानि कौन अधिकृत व्यक्ति है सम्बंधित सवाल का जवाब देने के लिये। जब आपको उत्तर मिल जाये। तो फिर उससे ही सवाल करे। अज्ञानता मे लोग वोट से नौकरी पाकर मालिक बन बैठे लोगों से सवाल करके👉व्यस्त लोगो की आराम मे खलल डाल देते है।
जब कुछ ना समझ में आये और सवाल की जिज्ञासा तीव्र हो। वक्त का भी अभाव हो, जिस कारण से सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त संबंधित अधिकारी जानने का वक्त बर्बाद ना करना चाहे👉तो नेहरु, राहुल गांधी, सोनिया गांधी किसी से भी कोई भी सवाल दाग सकते है। ये तिकड़ी देश के हर किस्म से सवालों का जवाब देने के लिये ही बनी है।
इसलिए देश मे कोरोना वायरस इतना क्यो फैल रहा है? सरकार क्या कर रही है? लाकडाउन मे रोजगार खो चुके लोगों के लिये सरकार की क्या योजना है और है भी की नही👉इनके उत्तर राहुल गाँधी दे। नेपाल हमारे देश के हाथ क्यो उलझनें चाहता है? चीन की सीमा पर वास्तविक स्थिति के बारे मे सोनियां गाँधी को देश को जवाब देना ही होंगा। और कुछ सवाल के लिये नेहरु जिम्मेदार है और उनके वंश के लोगो को जवाब देना होगा। देश मे कहां कहा चुनाव होने है? क्या है चुनावी तैयारियाँ? इसके सवाल पूंछने से पहले उत्तर आपको Fool पार्टी दे ही देती है।
यहां ध्यान देने वाली बात है👉जिनसे आप रोग चिन्हित होने के बाद सवाल कर देते है, वो 70 सालो से सिर्फ सवाल करते रहे और जमीन पर भूखंडों की मेंड़ बनाने मे व्यस्त रहे और आज एक बड़े भूखंड को मेड़ो मे बांट के बंटवारे के झगड़े खड़े करने मे सफल रहे। आपने उनको वो शीर्ष स्थान दे दिया, जिस जगह से ये दलदल सवाल पूंछता रहा है। हमारे बुजुर्गों ने बहुत चेक और बैंलेंस से इनको सिर्फ सवाली बना के रक्खा। आप चूक गये इसको जवाबदेही की जिम्मेदारी सौंप दी। जो इनकी किताब मे मिसिंग है, इसलिए आपको सवाल के बदले सवाल मिलता है..