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डॉलर अंडरवियर नहीं अमरीकी डॉलर महंगा हुआ है, 72.31रु का हो गया है

रवीश कुमार
11 Sep 2018 3:25 AM GMT
डॉलर अंडरवियर नहीं अमरीकी डॉलर महंगा हुआ है, 72.31रु का हो गया है
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डॉलर ने भारतीय रुपये को फिर से धक्का देदिया है। इस समय पर रुपये का भाव ऐतिहासिक रूप से नीचे चला गया। एक डॉलर 72 रुपये 55 पैसे का हो गया। वाकई अब श्री श्री रविशंकर से कहना होगा कि वे आएं और कुछ भभूत-वभूत छिड़कें ताकि डॉलर का नशा उतर जाएं। ध्यान रहे कि यहां एक डॉलर अमरीकी मुद्रा है और एक डॉलर गंजी अंडरवियर का भारतीय ब्रांड। इस डॉलर को कुछ नहीं होना चाहिए।

रामदेव के अनुसार मोदी जी के आने पर पेट्रोल 35 रुपया लीटर होने वाला था। महाराष्ट्र के एक शहर में पेट्रोल 89.97 रुपया लीटर हो गया है। डीज़ल 77.92 रुपया लीटर हो गया है। जनवरी से लेकर अब तक पेट्रोल 10 रुपया महंगा हो चुका है। बढ़ती कीमतों के बीच अमित शाह ने कहा है कि बीजेपी 50 साल तक सत्ता में रहेगी। यह बात कहते हुए स्पष्ट किया है कि अहंकार में नहीं कह रहे बल्कि काम के दम पर 50 साल सत्ता में रहेंगे।

कमबख़्त अंतर्राष्ट्रीय परिस्थितियों ने किस जनम का बदला निकाला है, पता नहीं। प्रधानमंत्री ने ठीक कहा है कि विपक्ष फेल हो गया है। इसका मतलब तो यही हुआ कि सरकार पास ही पास है।

मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के निदेशक केतन देसाई का केस याद नहीं ही होगा। वे आठ साल पहले निदेशक थे। इनके ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार के बहुत से आरोप लगे। मगर जांच की अनुमति नहीं दिए जाने के कारए एक एक करके सारे आरोप ख़ारिज होते जा रहे हैं। दिल्ली के पटियाला कोर्ट में एक मामले में चार्जशीट दायर करते हुए सीबीआई ने कहा कि गुजरात सरकार ने इस केस में मुकदमा दायर करने की अनुमति नहीं दी है।

गुजरात सरकार ने मुकदमा करने की अनुमति क्यों नहीं दी, इस पर ज़्यादा दिमाग़ लगाने की ज़रूरत नहीं है। हो सकता है यह भी एक तरीका हो भ्रष्टाचार से लड़ने का। मुकदमा या जांच की अनुमति ही न दो तो साबित ही नहीं होगा। फिर ख़बर लिखी जाएगी कि भ्रष्टाचार है कहां। जबकि इसी मामले में चार अन्य के खिलाफ मामला चल रहा है।

केतन देसाई पर मेहरबानी की वजह क्या हो सकती है? कौन है जो उन पर मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं दे रहा है? भ्रष्टाचार को लेकर तो ज़ीरो टालरेंस की नीति अपनाई गई है फिर अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है। इस बार के चुनावों में देखिएगा, नोट कैसे पानी की तरह बहेगा और झूठ बोलने वाला सबसे ज़्यादा झूठ बोलेगा।

इस बीच ख़बर आई है कि नीरव मोदी ने जालिया फर्म बना कर बैंका 576 करोड़ रुपया अमरीका टपा दिया है। आप जानते हैं कि नीरव और 'हमारे मेहुल भाई' ने पंजाब नेशनक बैंक को 13,500 करोड़ का चूना लगाया है। नीरव मोदी पर आरोप है कि उसने 6519 करोड़ का लोन लिया। उसमें से 4000 करोड़ बाहर के देशों में टपा दिया। इतना पैसा कैसे टप गया, कोई पूछता भी है तो कोई बताता नहीं है। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार नीरव मोदी टपाने का यह खेल 2009-10 से कर रहा था जो 2015-16 तक जारी रहा।

प्रत्यर्पण निदेशालय का आरोप है कि इंटरपोल ही मेहुल चौकसी को सारी सूचनाएं दे रहा है।'हमारे मेहुल भाई' ने भारत की नागरिकता छोड़ एंटिगुआ की नागरिकता ले ली है।

केतन देसाई, नीरव मोदी, मेहुल भाई। आप तीनों चिन्ता न करें। आप लोगों का टाइम अच्छा चल रहा है और अभी पचास साल और चलेगा।

मुरैना के देवरी गांव में एक डिप्टी रेंजर सूबेदार सिंह कुशवाह को अवैध खनन में लगे एक ट्रैक्टर ने कुचल दिया। मौके पर ही मौत हो गई। माफियाओं ने आधा दर्जन अधिकारियों को मार दिया है। 2012 में एक आई पी एस अफसर नरेंद्र कुमार को भी मार दिया था। हाल ही में अलकेश चौहान नाम के पुलिसकर्मी को भीम माफियाओं ने कुचल दिया था।

केंद्रीय खनन मंत्रालय ने लोकसभा में माना है कि अवैध खनन के मामले में मध्य प्रदेश नंबर दो पर है। 2016-17 में मध्य प्रदेश में अवैध खनन के 13000 से अधिक मामले आए लेकिन एफ आई आर सिर्फ 516 में दर्ज हुई। पहले नंबर पर महाराष्ट्र है और तीसरे पर आंध्र प्रदेश।

आप चिन्ता न करें। बिहार में सृजन घोटाले में भी दायें बायें हो रहा है। कई हज़ार घोटाला का आज तक पता नहीं चला। बीच बीच में छापे की ही खबर आती है काम की नहीं। कौन कौन बच गया इस सवाल को छोड़ कर सभी हिन्दू एक रहें। मोहन भागवत ने कहा है कि हिन्दू एक नहीं होते हैं। शेर अकेला होता है तो कुत्ते भेड़िये हमला कर देते हैं। नौकरी नहीं मिली तो कोई नहीं। लेकिन 89 रुपये लीटर तेल भराकर उफ्फ तक न करने वाले हिन्दुओं का ऐसा अनादर होगा उम्मीद नहीं थी। वे चुप ही तो हैं। उनके चुप रहने के बाद भी भागवत कह रहे हैं कि कुत्ते भेड़िए शेर पर हमला करने वाले हैं। जबकि सारे लोग चुपचाप शेर के पीछे खड़े हैं ताकि उन्हें कोई कुत्ता भेड़िया न कहें। वैसे मैं समझ नहीं सका कि वे एक होने के लिए किसे कह रहे हैं। शेर को एक होने के लिए कह रहे हैं या कुत्ते भेड़ियों को एक होने के लिए कह रहे हैं।

ज़्यादा टेंशन न लें। जो कहा गया है उसे समझें। विचार करें। उम्मीद है आप समझ गए हैं मगर कमेंट समझने से पहले कीजिएगा। आई टी सेल काफी सक्रिय है। वो जो कहे वही मान लीजिएगा।

रवीश कुमार

रवीश कुमार

रविश कुमार :पांच दिसम्बर 1974 को जन्में एक भारतीय टीवी एंकर,लेखक और पत्रकार है.जो भारतीय राजनीति और समाज से संबंधित विषयों को व्याप्ति किया है। उन्होंने एनडीटीवी इंडिया पर वरिष्ठ कार्यकारी संपादक है, हिंदी समाचार चैनल एनडीटीवी समाचार नेटवर्क और होस्ट्स के चैनल के प्रमुख कार्य दिवस सहित कार्यक्रमों की एक संख्या के प्राइम टाइम शो,हम लोग और रविश की रिपोर्ट को देखते है. २०१४ लोकसभा चुनाव के दौरान, उन्होंने राय और उप-शहरी और ग्रामीण जीवन के पहलुओं जो टेलीविजन-आधारित नेटवर्क खबर में ज्यादा ध्यान प्राप्त नहीं करते हैं पर प्रकाश डाला जमीन पर लोगों की जरूरतों के बारे में कई उत्तर भारतीय राज्यों में व्यापक क्षेत्र साक्षात्कार किया था।वह बिहार के पूर्व चंपारन जिले के मोतीहारी में हुआ। वह लोयोला हाई स्कूल, पटना, पर अध्ययन किया और पर बाद में उन्होंने अपने उच्च अध्ययन के लिए करने के लिए दिल्ली ले जाया गया। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक उपाधि प्राप्त की और भारतीय जन संचार संस्थान से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्राप्त किया।

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