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हामिद अंसारी के डरे हुए कौम के छह लड़कों ने सरेआम हत्या की और सब खमोश हैं! हां, अंसारी साहब मुसलमान डरे हुए हैं! हामिद अंसारी साहब सचमुच मुसलमान डरा हुआ है। देखिए न, देश स्वतंत्रता दिवस मना रहा है और देश की राजधानी दिल्ली में आपही के हिसाब से 'डरे हुए मुसलमान' लड़कों ने 25 वर्षीय एक सज्जन नामक व्यक्ति को मार डाला, क्योंकि डांस करते वक्त उसकी कोहनी आपके डरे हुए लड़के को छू गयी थी! फिर डरे हुए आपके 'सामुदायिक बेटे' ने छह साथियों के साथ मिलकर सबकी आंखों के सामने सज्जन को चाकुओं से गोद कर अपना 'डर' निकाला!
देखिए न सीट के लिए मारपीट में मरने वाले जुनैद को आपकी सेक्यूलर बिरादरी ने हिंदुओं को बदनाम करते हुए गो-रक्षकों से जोड़ कर कितनी शोर मचाई थी, और आज सज्जन बस एक व्यक्ति है, इसीलिये शायद खामोशी है! आप भी तो जुनैद की मौत का डर मुसलिम समाज को दिखा रहे थे! है न? क्या अब हम सज्जन की मौत का डर हिंदुओं को दिखाएं? मेरा जमीर आपके जितना गिरा नहीं है हामिद अंसारी साहब!
अब यह कमबखत सज्जन हिंदू ठहरा! न इसके लिए कोई 'नॉट इन माई नेम' गैंग मोमबत्ती मार्च निकालेगा और न कोई उपराष्ट्रपति इसके हक में बोलेगा! राममनोहर लोहिया कि याद आ रही है, जिन्होंने कहा था कि कभी कभी ऐसा लगता है कि यह देश हिंदुओं को छोड़कर बांकी सबका है!
हां, अंसारी साहब उस सज्जन को यह नहीं पता था कि भारत में हिंदू होना एक गुनाह है! उसकी मौत पर बोलने वाला भी आज कोई नहीं है!
हां अंसारी साहब, मुसलमान डरा है, तभी तो सरकारी अस्पताल का ऑक्सीजन सिलेंडर चुराकर अपने निजी नर्सिंग होम में उपयोग करता है,और हीरो बन जाता है, तभी तो छह छोकरे चाकू लेकर सरेआम एक सज्जन को गोद डालते हैं, और सब चुप रहते हैं, तभी तो राष्ट्रीय गीत वंदेमातरम के बाद अब राष्ट्रगान जन-गण-मन से भी उसे परहेज है! हां, वह डरा हुआ है
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