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जानिए मार्च में मौसम का हाल क्या होगा, गणित विज्ञान के द्वारा असली सच कब कब होगी बरसात और कब लगेगी आग

Shiv Kumar Mishra
23 March 2021 6:02 AM GMT
जानिए मार्च में मौसम का हाल क्या होगा, गणित विज्ञान के द्वारा असली सच कब कब होगी बरसात और कब लगेगी आग
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डॉ शेषनारायण वाजपेयी

22 और 23 मार्च को वायु प्रदूषण का स्तर कम होने लगेगा | प्राकृतिक उपद्रव शांत होने लगेंगे|पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी एवं मैदानी क्षेत्रों में बादलों की आवाजाही प्रारंभ होने लगेगी तापमान गिरने लगेगा |

24 ,25 और 26 मार्च को तापमान गिरेगा | इस दिन विश्व के अनेकों देशों प्रदेशों में वर्षा की अधिक संभावना है | विशेषकर भारत जम्मू कश्मीर लेह लद्दाख उत्तराखंड हिमाचल आदि में वर्षा एवं बर्फबारी जैसी घटनाएँ घटित होते देखी जा सकती हैं | हरियाणा पंजाब उत्तरी राजस्थान दिल्ली उत्तर प्रदेश बिहार आदि में वर्षा हो सकती है |

27और 28 मार्च को आकाश में बादलों की उपस्थिति देखने को मिलेगी तथा कुछ क्षेत्रों में कृषिकार्यों के लिए हितकारी उचित मात्रा में वर्षा होने की संभावना है |तापमान सामान्य रहेगा |

29 मार्च की रात्रि में अग्नि संबंधी दुर्घटनाएँ अधिक घटित हो सकती हैं क्योंकि इस रात्रि में ज्वलनशील गैसों का प्रभाव वायुमंडल में अधिक बढ़ जाएगा | तापमान अधिक रहेगा |

30 और 31 मार्च को वर्षा की संभावना बिलकुल नहीं है हवाओं का वेगकुछ बढ़ जाएगा एवं वायुप्रदूषण बढ़ना प्रारंभ होगा |

आग लगने के बिषय में पूर्वानुमान: 3,7,15,21 मार्च को अग्नि प्रकोप का भय रहेगा |इन दिनों में आग लगने की घटनाएँ अधिक घटित होने की संभावना है |

तनाव का समय :2 से 6 मार्च तक लोगों के मन में समाज समुदाय एवं दो देशों के बीच तनाव विशेष अधिक बढ़ जाने का समय है | ऐसे समय में जिन्हें पहले से कोई तनाव चला आ रहा होगा उन्हें इस समय में अधिक परेशानी होगी | जिनके साथ ऐसा नहीं है इस समय में बेचैनी उनकी भी बढ़ेगी किंतु उन्हें अधिक परेशानी का अनुभव नहीं होगा | वैसे भी मंगोलिया रूस चीन नेपाल म्यांमार भारत भूटान आदि देशों को आतंरिक एवं बाह्य तनाव का सामना मार्च के महीने में करना पड़ सकता है |

उत्पात का समय : मार्च के महीने में चीन नेपाल म्यांमार भारत भूटान आदि देशों में अग्निकांड एवं आँधी तूफ़ान आदि अधिक घटित हो सकते हैं | 3 से 6 मार्च एवं 15 से 20 मार्च एवं 31 मार्च के समय में आकाश से पाताल तक संपूर्ण प्रकृति में बेचैनी बढ़ेगी | इसीलिए इन दिनों में भूकंप ,बज्रपात एवं विमान दुर्घटना जैसे हिंसक हादसे घटित हो सकते हैं |समय के दुष्प्रभाव से अकारण वाहनों का टकरा जाना,बसों का खाई में गिरजाना,दंगा फैलना,सरकारों एवं शासन के बिरुद्ध आंदोलन, देशों की सीमाओं पर संघर्ष गोलीबारी तथा बमविस्फोट आदि हिंसक आतंकवादी घटनाओं के घटित होने की संभावना इस समय में अन्य समय की अपेक्षा अधिक रहती है |यहाँ तक कि सभी जीवों में मानसिक बेचैनी बढ़ने के कारण जीव अधिक हिंसक एवं आक्रमक हो सकते हैं |लोगों के चिंतन में हिंसा उन्माद की मात्रा अन्य समय की अपेक्षा इन दिनों में अधिक बढ़ जाएगी !इसलिए परिवारों, जातियों, संप्रदाओं, समुदायों, देशों में आपसी तनाव बढ़ सकता है |अतएव इन दिनों में विशेष सावधानी बरती जानी चाहिए |

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