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जो जानकारी आपको दे रहे है उसे सुनकर तो आपके होश ही फाख्ता हो जाएंगे
आज हम सभी गंभीर आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे हैं कोरोना ओर लॉक डाउन ने हर मध्यवर्गीय परिवार का बजट पूरी तरह से बिगाड़ के रख दिया है. घर खर्च तक निकालने में हमे मुश्किल आ रही है ऐसे में EMI की तारीख जब नजदीक आती है तो हमारी साँसे ऊंची नीची हो जाती है. मोदी सरकार कोरोना के चलते EMI को 3 माह आगे बढ़ाने की बात कही लेकिन जब उसकी हकीकत सामने आयी तो पता लगा कि हम यदि EMI को तीन माह आगे बढ़ा देंगे तो अल्टीमेटली हम ही बहुत बड़े नुकसान में रहेंगे हमे फाइनली ब्याज के रूप में बहुत ज्यादा रकम भरना होगी, कुछ दिन पहले फिर RBI के द्वारा फिर से 3 माह को 6 माह में बदल दिया गया. पर इस बार मित्र पत्रकार सुनील सिंह बघेल ने इस खबर की ओर तह में जाने का फ़ैसला किया और आज जो वो जानकारी दे रहे है उसे सुनकर तो आपके होश ही फाख्ता हो जाएंगे.
सुनील सिंह बघेल बता रहे हैं कि यदि आपने इस EMI को तीन महीने आगे बढाने की सुविधा का लाभ लिया तो कई बैंक और NBFC आपको डिफॉल्टर के जैसा ही ट्रीट करेंगे और आपको उनके द्वारा आगे लोन नही दिया जाएगा.
सुनील सिंह बघेल लिखते हैं. 'यदि आप आज 3 #EMI चूके तो कल बैंक इस पर,पूरे लोन पीरियड का #ब्याज_पर_ब्याज तो लेंगे ही ,वहीं आपको #डिफाल्टर जैसा मान नया लोन भी नहीं देंगे #RBI ने #Corona के चलते पहले 3 माह फिर 6 माह तक मोरटोरियम,यानी एक तरह से #ईएमआई_हॉलीडे की घोषणा की है। लेकिन #BANK ,खासकर निजी बैंकों और #NBFC ने इसे अपने लिए #अवसर बना लिया.
यदि आप आज 3 किस्त नहीं भरते हैं तो,आपको सिर्फ इतनी राहत मिली है कि आपका #CIBIL खराब नहीं होगा.
यदि आप यह सोच रहे हो कि आज जो तीन किस्त चूके हैं, वह 3 EMI बाद में भरने से आप ऋण मुक्त हो जाएंगे तो आप गलत समझ रहे हैं.. इन तीन किस्तों को मिलाकर आपको 10 से 12 EMI तक अतिरिक्त देना पड़ सकती है।
दरअसल बैंक इन तीन किस्तों की राशि पर पूरी ऋण अवधि (15-20साल) का ब्याज पर ब्याज वसूलेगा.. उदाहरण के लिए 50 लाख के होम लोन पर 15-20 साल बाद आपसे 3-4 लाख तक अतिरिक्त वसूलेगी.
दूसरा बड़ा नुकसान यह है कि बैंक ने भले ही यह सुविधा लेने वालों को औपचारिक रूप से #डिफाल्टर की श्रेणी में नहीं डाला हो... लेकिन हमारे पास मौजूद कई प्राइवेट BANK/NBFC की नई Loan Policy से यह स्पष्ट है कि ज्यादातर निजी वित्तीय संस्थानों ने #Moratorium की सुविधा लेने वालों को डिफाल्टर जैसा मान कर फिलहाल नया #Loan नहीं देने का निर्णय लिया है.
दरअसल मोरटोरियम की घोषणा करते समय सरकार, #RBI की राहत देने मंशा भले ही स्पष्ट हो लेकिन निर्देश स्पष्ट नहीं है.. इसी का फायदा उठाकर बैंकों ने इसे "लूट" का #अवसर बना लिया.