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स्त्री-विमर्श के क्षेत्र में मार्गरेट सेंगर की भूमिका :शारिक रब्बानी
मार्गरेट सेंगर की स्त्री-विमर्श के क्षेत्र में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका रही है । परिवार नियोजन जिसे आजकल परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार और पत्नी व उनके बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। मार्गरेट सेंगर की ही देन है जबकि उन्हें इस मुद्दे को उठाने और उसको लोगों तक पहुंचाने के लिए बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा ।
जनता और सरकार का विरोध सहना पड़ा और यातनाएं भी झेलनी पड़ी परन्तु बाद में जीत उन्ही की हुई । 14 सितंबर 1883 को अमेरिका में जन्मी मार्गरेट सेंगर जिनके पिता उदारवादी और स्त्री स्वतंत्रता के समर्थक थे उन्होंने मार्गरेट को पढ़ने का मौका दिया और वह पढ लिखकर एक नर्स बन गई थी। सन् 1912 की घटना है कि एक महिला सैडी सेक्स रोग शय्या पर अस्पताल में पड़ी मृत्यु की घड़ियाँ गिन रही थी ।
महिला की आयु 28 वर्ष थी, पति गरीब वाहन चालक था और तीन बच्चे थे। पहला पाँच वर्ष का, दूसरा तीन वर्ष का, तीसरा एक वर्ष का। और चौथा पेट में । सैडी वेदना से छटपटा रही थी। तभी डॉक्टर ने मार्गरेट नर्स के साथ प्रवेश किया और उसको बचाने का प्रयास किया पेट में पल रहा बच्चा तो नहीं बचा, लेकिन महिला सैडी बच गई । सैडी नै जब आँख खोली तो रोती हुई गिड़गिड़ा कर बोली सिस्टर अबकी तो जान बच गई है लेकिन अगला बच्चा मेरी जान अवश्य ले लेगा ।
तीन महीने बाद मार्गरेट ने सुना कि र्गभपात में सैडी की मृत्यु हो गई हैं। सैडी सेक्स की मार्मिक व्यथा ने मार्गरेट सेँगर को एक नया विचार दिया। ये विचार था, अनियंत्रित सन्तान हमारे अनेक दुखों का मूल है। नारी जाति को शक्ति का एहसास कराओ। अर्थात् परिवार नियोजन अपनाना। उस समय ये बिल्कुल नया विचार था जिस पर चर्चा करना भी अश्लील माना जाता था, जबकि मार्गरेट सेंगर कहा करती थीं।
संसार की वर्तमान सभ्यता पुरूष समुदाय की सभ्यता है। नारी इसमें बच्चे पैदा करने की मशीन मात्र बनकर रह गई है। जिसे बदलना होगा।
मार्गरेट सेंगर ने सबसे पहले सन 1914 में "द वूमेन रिबेल" नामक पत्रिका का प्रकाशन किया। इसमें सामाजिक रूढियो अंधविश्वासो और दमनकारी प्रवृत्तियों की बगावत प्रारंभ हो गई। इस पत्रिका का आय, व्यय, लेखन सम्पादन उन्हें खुद देखना पड़ा।
इसी पत्रिका में सबसे पहले बर्थ कंट्रोल शब्द का प्रयोग हुआ। प्रकाशित सामग्री से अमेरिकी महिलाओं में ऐसी लहर फैली कि प्रशासन घबरा गया ।पत्रिका पर प्रतिबंध लगा दिया गया। फिर उन्होंने अपने यूरोप प्रवास काल में परिवार नियंत्रण नामक एक पुस्तिका लिखी। उनके द्वारा वितरित परिवार नियंत्रण पत्रिका के कारण उनके पति को गिरफ्तार कर लिया गया । पत्रिका पर मुकदमा कायम हुआ। 18 जनवरी 1916 को मार्गरेट न्यायालय में उपस्थिति हुई । मुकदमे की कार्यवाही को देखने के लिए भारी भीड़ जमा थी। जनमत के इस दबाव से सरकार ने बहाने से मुकदमा वापस ले लिया। इसके बाद मार्गरेट ने 16 अकतूबर 1916 को ब्रुकलिन मे विश्व का प्रथम बर्थ कंट्रोल कलीनिक खोला।