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उम्र, राजनीतिक अनुभव, संख्या बल किसी का तो लिहाज़ रखना चाहिए था..
डॉ. रुद्र प्रताप दुवे (वरिष्ठ पत्रकार एवं राजनीतिक विश्लेषक)
मायावती जी की उम्र 63 साल की है और मुलायम सिंह जी पिछले 52 साल से चुनावी राजनीति में हैं। मायावती जी जब पहली बार 1989 में बिजनौर से लगभग 8000 वोट से जीत कर लोकसभा पहुंची थी, उसके पहले मुलायम सिंह जी ना केवल पहली बार 1967 में विधायक बन चुके थे बल्कि 1977 में उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री और 1989 में लोकदल के उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष बन चुके थे। 1982 में मुलायम सिंह जी उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता विरोधी दल भी रहे और जब मायावती जी पहली बार संसद पहुँच रही थी उसी साल मुलायम सिंह जी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बन चुके थे।
मायावती जी 3 बार लोकसभा सांसद रही हैं और मुलायम सिंह जी 6 बार सांसद रहते हुए 1996 में भारत सरकार के रक्षा मंत्री भी रहे हैं। मायावती जी 2003 मे बसपा की अध्यक्ष बनी जबकि मुलायम सिंह यादव जी ने 1992 में समाजवादी पार्टी बना कर 2017 तक इसके अध्यक्ष पद की बागडोर सम्हाली।
मायावती जी 4 बार मुख्यमंत्री रहीं और मुलायम सिंह जी के नेतृत्व में भी समाजवादी पार्टी को 4 बार विजय मिली जिसमे 3 में वो खुद मुख्यमंत्री बने और चौथी बार अखिलेश जी को बनाया। 8 बार उत्तर प्रदेश से विधायक बनने वाले मुलायम सिंह यादव जी इमरजेंसी के दौरान 19 महीने जेल में भी रहे हैं। मुलायम सिंह यादव जी के दल के पास पिछले लोकसभा में 5 सीटें थी और बसपा के पास जीरो।
राजनैतिक शिष्टाचार तो यही कहता था कि मुलायम सिंह जी इन तीन कुर्सियों में बीच मे बैठते और अगल-बगल मायावती जी और अखिलेश जी। अगर मायावती जी नही मान रही थीं तो कम से कम आज अखिलेश जी को अपनी कुर्सी नीचे करवा के ऊपर सिर्फ दो कुर्सी ही रखवानी चाहिए थी।
आखिर राजनीति है क्या ? सम्मान की लड़ाई ही ना !
-रुद्र