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फैक्ट चैकर मुहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी के बाद मोदी सरकार की हो रही तीखी आलोचना
फैक्ट चेकिंग वेबसाइट ऑल्टन्यूज के सह संस्थापक मुहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी को लेकर राजनीतिक हलकों से काफी तीखी प्रतिक्रिया आ रही हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी से लेकर टीएमसी की सांसद महुआ मोईत्रा, प्रसिद्ध अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया सहित देश के कई दूसरे जाने-माने पत्रकारों ने तीखी आलोचना की है.
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने सोमवार को साल-2018 के एक ट्वीट के जरिये कथित तौर पर धार्मिक भावनाएं आहत करने के मामले में मुहम्मद जुबैर गिरफ्तार कर लिया. कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने इस गिरफ्तारी की भर्त्सना की है. चुकी दिल्ली पुलिस केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आती है. इसलिए इस गिरफ्ती के पीछे सभी मोदी सरकार पर हाथ मान रहे हैं. तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने दिल्ली पुलिस को लताड़ते हुए कहा, साहिब को खुश करने के लिए वो घुटनों के बल बैठ गए. उन्होंने कहा, "जुबैर को एक मनगढ़ंत केस में गिरफ्तार किया गया, जबकि मिसेज फ्रिंज शर्मा सुरक्षा के साये में जिंदगी का आनंद उठा रही हैं".
निलंबित बीजेपी नेता नुपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद पर विवादित बयान दिया था, जिसके बाद कई राज्यों में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी और कई देशों ने इसको लेकर अपना ऐतराज दर्ज कराया था.कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर रहा, "सच्चाई की एक आवाज को बंद करोगे तो ऐसी हजारों आवाजें और उठेंगी. भाजपा की नफरत, कट्टरता और झूठ को बेनकाब करने वाला हर व्यक्ति उनके लिए खतरा है. सच्चाई की हमेशा निरंकुशता पर हमेशा विजय होती है."
यूथ कांग्रेस प्रेसिडेंट श्रीनिवास बीवी ने लिखा, नुपुर शर्मा को अब तक कार्रवाई नहीं की गई थी,जबकि जुबैर को गिरफ्तार कर लिया गया. हम इस कार्रवाई की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं. तृणमूल के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए गए एक ट्वीट के अनुसार, जब पार्टी का कोई व्यक्ति कथित तौर पर धार्मिक भावनाएं आहत करे तो यह कहना बेहद आसान होता है कि गलत हो रहा है. @NupurSharmaBJP को गिरफ्तार करो और देश को बताओ कि नियम सबके लिए एक जैसे हैं.
केरल के विधायक एमके मुनीर ने लिखा, "क्या विडंबना है कि नफरत फैलाने वाला भाषण देने वाला खुला घूम रहा है, जबकि इसका खुलासा करने वाले पत्रकार को हिरासत में लिया गया है." जुबैर को मार्च 2018 में किए गए उनके एक ट्वीट को लेकर गिरफ्तार किया गया है औऱ उन पर जानबूझकर धर्म विशेष के देवी-देवताओं के अपमान का आरोप लगा है.
जुबैर की गिरफ्तारी के बाद IStandWithZubair टॉप ट्रैंड पर
फैक्ट चेकिंग वेबसाइट ऑल्टन्यूज के सह संस्थापक मुहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी ने देश की पत्रकारिता जगत में हलचल मचा दी है. इनकी गिरफ्तारी के खिलाफ देश के जाने-माने पत्रकारों ने सरकार की तीखी आलोचना की है.
एनडीटीवी के वरिष्ठ पत्रकार उमाशंकर सिंह ने लिखा है, जब Fact Speaker होना गुनाह हो तो Fact Checker होना तो और भी बड़ा गुनाह है.
एनडीटीवी के ही सौरभ शुक्ला ने लिखा है, Free Speech का मतलब और मायने बदल गए हैं … दिल्ली पुलिस ने नूपुर शार्मा , ओवैसी और टीवी पर ज़हर उगलने वालों पर भी FIR दर्ज़ की थी पर आज तक उस FIR में किसी को पूंछताछ के लिए भी नहीं बुलाया .. पर ज़हर उगलने वालों की पोल खोलने वाले @zoo_bear को गिरफ़्तार कर लिया.. #zubair
न्यूजलॉऩ्ड्री के संस्थापक अतुल चौरसिया ने अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में जुबैर की गिरफ्तारी और फ्री स्पीच को लेकर छपी एक खबर को ट्वीट किया है, जुबेर जेल में हैं, नुपुर शर्मा आज़ाद है, ये आज का अखबार है. चुटकुला समाप्त हुआ.
सुप्रीम कोर्ट के प्रसिद्ध वकील प्रशांत भूषण ने लिखा, 2002 दंगों मैं न्याय के लिए लड़ रहीं तीस्ता सीतलवाडद, और झूठ का पर्दाफाश करने वाले पत्रकार मोहम्मद जुबेर की गिरफ्तारी ने साबित कर दिया है कि आज के हालात 1975 की इमरजेंसी से बदतर हो चुके हैं। अब इस सरकार के पाप का घड़ा भर चुका है। विनाश काले विपरीत बुद्धि।
वहीं फिल्म डायरेक्टर विनोद कापरी ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए ट्वीट किया, सात समंदर पार से भी महामानव का ध्यान इसी बात पर अटका होगा कि @zoo_bear गिरफ़्तार हुआ कि नहीं। हम सब क़िस्मत के कितने धनी हैं ना .. कि हमें ऐसा महामानव मिला है.
ऐसे सभी को कर दीजिए सबको अंदर। दुनिया आपको याद रखेगी।.
जुबैर की गिरफ्तारी के खिलाफ IStandWithZubair को सुबह 10 बजे तक साढ़े छह लाख से अधिक बार ट्वीट किया जा चुका है.
बता दें किदिल्ली पुलिस ने मुहम्मद जुबैर को 2018 में किए गए एक ट्वीटको लेकर गिरफ्तार किया है. इसमें दिल्ली पुलिस ने जुबैर पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने का आरोप लगाया है.