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उत्तर प्रदेश में गठबंधन की आई बहार, ओम प्रकाश की पूछ क्यों बढ़ी?

उत्तर प्रदेश में गठबंधन की आई बहार, ओम प्रकाश की पूछ क्यों बढ़ी?
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उत्तर प्रदेश में भले ही विधानसभा चुनाव होने में कुछ समय बचा है लेकिन भाजपा को छोड़ हर राजनीतिक पार्टीयों अंदर ही अंदर गठबंधन की राजनीतिक खेल में मसगुल होते दिख रही है। सबसे अहम ये बात है कि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर की चर्चा जोरो पर हो रही है। क्योंकि यूपी में जब 2016 में राजभर ने भाजपा से गठबंधन कर जहुराबाद विधानसभा से चुनाव लड़ा और जीत भी गये योगी सरकार ने उनको मंत्री पद भी दिया। लेकिन ऐसा क्या हुआ की वो भाजपा के खिलाफ बगावत कर बैठे।

अब 2022 में विधानसभा चुनाव होने को है इसमें दिल्ली से लेकर यूपी के कई जिलों में बैठको का दौर शुरु हो गया है वो भी केवल गठबंधन का? लेकिन अभी तक भाजपा को चारों खाने चित करने के लिए मैदान में मायावती की बहुजन समाजवादी पार्टी यूपी में अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी अभी बिगुल फुका नही है फिर भी विधानसभा चुनाव की तैयारियों और रणनीति को लेकर चर्चा होना शुरु हो गया उत्तर प्रदेश कांग्रेस सलाहकार परिषद और रणनीतिक समूह की डिजिटल बैठक में प्रियंका ने महंगाई, पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा, महिला विरोधी अपराधों और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर राज्य की भाजपा सरकार को घेरने की कोशिश में लगी है।

सपा गठबंधन करने के लिए छोटे दलों के संपर्क में हैं। इस बीच सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने दावा किया कि समाजवादी पार्टी (सपा) से गठबंधन को लेकर बातचीत हुई है। जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा की पिछले दिनों सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात हुई थी। बातचीत के परिणाम को लेकर पूछे जाने पर राजभर ने कहा कि अभी प्रारंभिक स्तर की बातचीत हुई है।

अभी ये सुर्खियों में राजभर ट्रेंड कर ही रहे थे कि केजरीवाल से भी फोन पर बात कर ली बात करते ही 17 जुलाई को दिल्ली में अरविंद से मुलाकात करने की तारीख पर फाइनल मुहर ओम प्रकाश ने लगा दी।


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