- होम
- राष्ट्रीय+
- वीडियो
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- Shopping
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- आजीविका
- विविध+
- Home
- /
- हमसे जुड़ें
- /
- "इश्क में धोखा" और...
"इश्क में धोखा" और "दर्दे दिल" अब नहीं होता है किसी पर एतबार
कविता का शाब्दिक अर्थ है काव्यात्मक रचना या कवि की कृति, जो छन्दों की शृंखलाओं में विधिवत बांधी जाती है। काव्य वह वाक्य रचना है जिससे चित्त किसी रस या मनोवेग से पूर्ण हो अर्थात् वहजिसमें चुने हुए शब्दों के द्वारा कल्पना और मनोवेगों का प्रभाव डाला जाता है। साथ ही कविता को परिभाषित नहीं किया जा सकता। इसे परिभाषित करना बहुत व्यापक है। सही मायने में एक कविता वो है जिसमें एक रचनाकार अपनी अनुभूति से अपनी भावनाओं को आम बोलचाल में न कहके उसे शब्दों के माध्यम से उकेरकर पाठकों तक पहुंचाता है।
कविता का सौंदर्य ही ऐसा है कि हम हमारी भावनाओं को सामने वाले को अहसास करा देते हैं। हमारी भावनाएं जैसी भी हो वो सामने वाले के हृदय में जन्म ले लेती है। कविता में भावनाएं जिंदा रहती है और शब्दों की कारीगरी होती है। एक रचनाकार अपने प्रभावपूर्ण शब्दों के चयन और लेखन से पाठकों को कविता का अहसास करा देता है, जिससे कविता की परिभाषा पाठक महसूस कर लेते हैं और इसे बताने की जरूरत नहीं पड़ती।
"इश्क में धोखा"
इश्क के दस्तूर को बावस्ता निभाया हमने, तब कहीं जा कर ये चिराग जलाया हमने।
जिंदगी कट गई हमारी गमे उल्फत में सारी, फिर भी जिंदगी को बड़े हौसले से सजाया हमने।।
हम तो वो ही हैं जो कल थे उसको ही आज बदलते देखा हमने।
क्या गुनाह हुआ हमसे हमे मालूम नही है, चाँद में भी दाग था देखा हमने।।
राग छेड़ दिया अब मैंने भी बगावत का उससे।
आजतक उसे खुश करके,क्या पाया हमने।।
"दर्दे दिल" अब नहीं होता है किसी पर एतबार,
फूल चमन से टूटने के बाद नहीं खिलते हर बार...
शंमा बन जली एक परवाने पर, फिर ना रौशन हुई जो बुझी एक बार...
तोड़ दी हर रस्म वफा में तेरे लिए, तुने ही मुझे तोड़ा जो मैं ढली तेरी मूरत में हर बार.. ...
पत्थर हूँ ना तराशना मुझे अब, टूट जाऊंगी जो तराशे हर बार...
मैं भी इंसान हूँ, मेरे भी जज्बात हैं, तोड़ते हो क्यों मुझे यू ही हर बार...
नयनों में अश्कों की बारिश, और ये यादों के कारवाआ ही जाता है हर बार...
महफ़िले आज भी सजती हैं, गजल में तेरा ही अक्श उभरता हैं हर बार...
ना तू रहा अब तू, ना मैं रही अब मैं,फासला बहुत हो गया तेरी जो बेरुखी हुई हर बार....
(कवि- अजय कुमार मौर्य, पी-एचडी शोधार्थी, तुलनात्मक धर्म दर्शन विभाग, सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी)