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राजनैतिक विश्लेषक शिवम त्यागी का सवाल, असद के एनकाउंटर पर चीखने वाले आदित्य राणा के एनकाउंटर पर खामोश क्यों?
राजनैतिक विश्लेषक शिवम त्यागी ने मीडिया और नेताओं से सवाल किया है कि असद और गुलाम के एनकाउंटर पर रोने वाले एक दिन पहले बिजनौर जिले में हुए ढाई लाख के इनामी अपराधी आदित्य राणा के एनकाउंटर पर तो नहीं बोले और जब पाँच लाख के इनामी का एनकाउंटर होता है तो नियम कानून कायदे की दुहाई देते है क्यों? आखिर ये दोहरा रवैया कब तक चलेगा अब तो जागना होगा।
शिवम त्यागी ने कहा कोई बता रहा है कि अतीक अहमद के बेटे असद अहमद का इस साल बुआ की लड़की के साथ निकाह होना था और कोई कह रहा है कि वक़्त आ गया है कि देश की सारी अदालतों को बंद करने का आदेश जारी कर देना चाहिए, भारत को अब अदालतों की ज़रूरत नहीं है …
शिवम ने सवाल किया, अतीक के बेटे के एनकाउंटर से एक दिन पहले UP पुलिस ने डॉन आदित्य राणा का एनकाउंटर किया था। किसी नेता या किसी भी बुद्धिजीवी का कोई बयान तो दूर किसी भी न्यूज़ चैनल पर इसकी खबर तक नहीं थी।
शिवम ने पूँछा, जो लोग आज असद के साथ खड़े हैं क्या वे बता सकते हैं कि अतीक अहमद ने 4 दशकों में अपराध का इतना बड़ा साम्राज्य कैसे खड़ा किया, UP का विधायक और यहाँ तक कि सांसद भी कैसे बन गया ? कितने राजनीतिक नेताओं ने इस माफिया का इस्तेमाल किया और कितने ही बेगुनाहों की इसने जान ली ?
शिवम त्यागी ने कहा, जेल में होने के बावजूद अतीक ने अपने बेटे को अपराध की दुनिया में जाने से क्यूँ नहीं रोका या उसके बेटे ने इसीलिए बिना किसी डर के दिन दिहाड़े गवाह और पुलिस वालों का खून किया क्योंकि उसे भरोसा था कि कुछ राजनेता लोग उसे बचा लेंगे और आने वाले समय में उनकी सरकार में असद भी विधायक बन जाएगा ?
शिवम त्यागी ने कहा, किसी हिंदू के एंकाउंटर में चुप्पी साधने वाले आज असद के एनकाउंटर में मुसलमानी चश्मा लगाकर जो लोग रो रहे हैं वे सारे देश को खुद ही अपना सच बताना चाहते हैं कि UP में सब गलत गतिविधियों, माफिया में उनका ही हाथ रहा है। UP को आगे इन्हीं लोगों ने नहीं बढ़ने दिया।
अतीक अहमद के साथ-साथ वे सब लोग इस एनकाउंटर के ज़िम्मेदार हैं जो आज भी देश के लोगों को यह संदेश दे रहे हैं कि जाओ तुम अपराध करो, हम तुम्हारे साथ हैं