- होम
- राष्ट्रीय+
- वीडियो
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- Shopping
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- आजीविका
- विविध+
- Home
- /
- हमसे जुड़ें
- /
- 2008 में राहुल गांधी...
2008 में राहुल गांधी कालाहांडी गए, और आदिवासियों से बोले आप अपनी जमीन और अपने विश्वास के लिए लड़ रहे हैं
राहुल गांधी को मैं जब देखता हूँ तो गांधी परिवार से इतर होकर देखता हूँ। उस व्यक्ति के तौर पर देखता हूँ जो खुद के खिलाफ, अपनों के खिलाफ खड़ा होने का साहस रखता है। राहुल गांधी को तभी आप बेहतर ढंग से जान सकते हैं जब आप उनको उस व्यक्ति के तौर पर देखें जो सिर्फ चुनाव जीतने नही आया बल्कि राजनीति का चेहरा बदले यह भी तय करने आया है।
अफसोस सिर्फ इस बात का है कि राहुल गांधी क्या हैं? कौन है? यह बताने में खुद कांग्रेस भी असफल रही है। पार्टी के लोगों ने मौके दर मौके राहुल गांधी को संकटमोचक तो मान लिया लेकिन उनके विचारों के अनुरूप खुद को ढालने की कभी कोशिश नहीं की।
राहुल गांधी ने एक बार कहा कि आप सिस्टम में तीन तरह से कदम रख सकते हैं या तो आप राजनैतिक परिवार से हों या आपका कोई दोस्त राजनीति में हो या आपके पास पैसा हो , यही समस्या है। मैं इस समस्या का सिम्पटम हूँ। मैं इसी चीज को बदलना चाहता हूँ। आप बताएं कोई ऐसा कहने का साहस करेगा?
2008 में राहुल गांधी कालाहांडी गए थे आदिवासियों के बीच जबरदस्त आंदोलन छिड़ा हुआ था। राहुल कहकर आये कि आप अपनी जमीन और अपने विश्वास के लिए लड़ रहे हैं । मैंने आपसे कहा है कि आपकी आवाज को नहीं दबाया जा सकता क्योंकि मैं आपके सिपाही के तौर पर दिल्ली में मौजूद हूँ । आपकी आवाज दिल्ली ही नही दुनिया भर में जानी चाहिए।
2008 से 2014 तक राहुल गांधी ने यूपीए की सरकार को बहुत कुछ ऐसा करने को मजबूर किया जो बिना राहुल गांधी के असंभव था उन्होंने न केवल आदिवासियों - किसानों की 70 हजार करोड़ की कर्जमाफी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई बल्कि मनरेगा जैसी योजना पूरे देश मे उनकी जिद की वजह से लागू हो सकी।
राहुल ने एक बार बताया कि मैं अपने पिता की अस्थियों के साथ ट्रेन से दिल्ली से इलाहाबाद की यात्रा कर रहा था और रास्ते में लाखों भाव विह्वल लोगों की आखें देख रहा था। उसी वक्त मुझे लगा कि मुझे उनके प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करना होगा जो मेरे पिता से बेहद प्यार करते थे ।राहुल ने अब तक उस जिम्मेदारी को बखूबी निभाया। जन्मदिन मुबारक राहुल।
आवेश तिवारी