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मित्रता दिवस पर पढ़े ये कविता, दिल को बहुत सुकून मिलेगा
फ्रेंडशिप डे या मित्रता दिवस हर साल अगस्त के पहले रविवार को मनाया जाता है. यह एक खास अवसर है जो लोगों के बीच दोस्ती के संबंधों और एकजुटता के अनमोल बंधनों का जश्न मनाता है. इस साल यह भारत में 1 अगस्त को मनाया जा रहा है, ऐसे मित्रता दिवस पर एक युवा कवि ने दोस्ती पर कविता लिखी है जो दिल को बहुत ही सुकुन देने वाली है।
"दोस्ती"
दोस्ती गुलों सी गुलजार होती है,
नाते रिश्ते सब एक तरफ,
दोस्ती मन की मुराद होती है,
मन के हर गिरह को खोल,
दोस्ती दिल की किताब होती है,
उलझते मन को मिलती है राहत,
दोस्ती ऐसी जाम होती है,
जीवन है खाली मकान बिना दोस्त के,
मिल जाए तो गुलशन बहार होती है,
मिलता नहीं कहीं भी चैन बिना दोस्त के,
गर वो हो तो होठों पर मुस्कान होती है,
हर रिश्तो की नींव बसती है दोस्ती में,
हर परिस्थिति में दोस्ती मकाम होती है,
रूठ जाए अगर वो तुझसे
जिंदगी बेषजान सी होती है,
कहां गया कहां से ढूंढ के लाऊं,
दिल बड़ा ही परेशान सा होता है,
मिले हर किसी को सच्चा दोस्त ,
दिल से दुआ निकलती है,
ना करे कोई बदनाम दोस्ती को,
दोस्ती खुदा सी होती है ........।।
(कवि अजय कुमार मौर्य, पी-एचडी शोधार्थी,
तुलनात्मक धर्म दर्शन विभाग, सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी)