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- सिंधिया समर्थक वापस घर...
सिंधिया समर्थक वापस घर में, राजस्थान में गुजरात मॉडल मंत्रियों सहित पचास विधायकों को बैठा सकता घर में!
मध्य प्रदेश के कमल नाथ सरकार को गिराने के लिए जिन कॉन्ग्रेस के विधायको ने कोंग्रेस छोड़कर ज्योतिराज सिंधिया का साथ दिया था। उन्हे लंबे समय तक शिवराज सिंह सरकार के साथ रहने के बाद अब भाजपा अपच होने लगी है। यही कारण है की सिंधिया सार्थक अब वापस कांग्रेस में लौटने लगे है। दो विधायको ने वापस कांग्रेस में लौटने के बाद अब एक और विधायक ने भारी समर्थकों के साथ घर वापसी कर ली। मजे की बात यह रही की इन विधायक महोदय ने बारह सौ वाहनों के काफिले के साथ प्रदर्शन करते हुए घर वापसी की। कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को गिराने वाले विधायक समंदर पटेल फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए।
समंदर पटेल ने पार्टी में वापसी का कारण उन्हें भारतीय जनता पार्टी में “घुटन” महसूस होना बताया।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ अपने विधानसभा क्षेत्र जावद से राजधानी भोपाल में बीजेपी के दफ़्तर में इस्तीफ़ा देने के लिए '1200 गाड़ियों के काफ़िले' के साथ पहुंचे। इसी तरह शिवपुरी से बीजेपी नेता बैजनाथ सिंह यादव ने सिंधिया से रिश्ता तोड़ा था और 700 कारों की रैली लेकर कांग्रेस में शामिल हुए थे। 26 जून को शिवपुरी के पूर्व उपाध्यक्ष राकेश कुमार गुप्ता भी इसी तरह कार रैली करते हुए कांग्रेस में शामिल हो गए। अब ये सब कुछ कमल नाथ की ही कौशिश हो सकती है। जो दिग्गज कांग्रेसियों को घर वापसी करा रहे है।
अब बात करते है राजस्थान की तो चर्चा है की कांग्रेस आलाकमान राजस्थान में भी गुजरात मॉडल के पक्ष में है। हालांकि चुनाव को लेकर आज ही विधान सभा चुनाव से जुड़ी एक समिति की जैपुर में बैठक हुई। मगर उस बैठक में इस बात पर शायद कोई मंथन नही हुआ। वैसे भी यह निर्णय आला कमान को ही करना है। मगर कांग्रेस में इस बात की जबरदस्त चर्चा है की राजस्थान विधान सभा चुनाव में गुजरात मॉडल लागू हो सकता है। पार्टी ने दो स्तर पर सर्वे कराया है। एक सर्वे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, जबकि दूसरा पार्टी आलाकमान ने कराया है।
कार्यकर्ताओं की राय लेने के लिए प्रत्येक लोकसभा क्षेत्रों में भेजे गए अधिकांश पर्यवेक्षकों ने मौजूदा विधायकों के टिकट काटने का सुझाव दिया बताया। भाजपा के गुजरात मॉडल पर चुनाव लड़ने की रणनीति के तहत प्रदेश के 25 लोकसभा क्षेत्रों में पर्यवेक्षक तैनात किए गए हैं। इनमें से अधिकांश गुजरात के कांग्रेस विधायक और नेता हैं। दरअसल, पिछले विधानसभा चुनाव में गुजरात में भाजपा ने तीन दर्जन विधायकों के टिकट काटे थे। यही रणनीति अब कांग्रेस राजस्थान में अपनाने की योजना बना रही है। गुजरात विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस के प्रभारी थे। अब देखने वाली बात यह होगी की क्या राजस्थान में गुजरात मॉडल लागू होगा और हुआ तो कौन कौन विधायक घर बैठेंगे!