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वो शकीला बेगम हैं, रवीश कुमार नहीं!

रवीश कुमार
21 Feb 2020 4:48 AM GMT
वो शकीला बेगम हैं, रवीश कुमार नहीं!
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रवीश कुमार

आई टी सेल के मुख्य कार्यों में एक काम रवीश कुमार को लेकर अफ़वाहें फैलाना भी है। आई टी सेल एक मानसिकता भी है। मुझे लेकर हर समय कोई न कोई सामग्री आती रहती है। आयी टी सेल मुझे फँसाने के लिए कितनी मेहनत करता है। वो मुझसे मिलते जुलते चेहरों की तलाश में भी रहता है जिसे रवीश कुमार बता कर बदनाम किया जा सके।

पिछले कुछ दिनों से एक महिला को लेकर अफ़वाह उड़ाई गई कि रवीश कुमार है। जो चेहरे पर पट्टी बांध कर शाहीन बाग में बैठा है। ये सारे काम कभी स्माइली लगा कर तो कभी प्रश्नवाचक चिन्ह लगाकर किए जाते हैं। जब कई माध्यमों से पहली तस्वीर आई तो पता करने का मन किया। क्योंकि इसे कई हैंडल से शेयर किया गया है। मानसिक रूप से गुलाम हो चुके कई लोग मेरी पोस्ट के कमेंट में इस तस्वीर को पोस्ट करने लगे हैं।

मुन्ने भारती को काफ़ी मेहनत करनी पड़ गई। आख़िर पता लगा कि जिस तस्वीर को रवीश कुमार बताया जा रहा है वो शकीला बेगम की है। जो वहीं के एक मोहल्ले में रहती हैं।

आयी टी सेल को भी पता है कि झूठ पकड़ा जाएगा लेकिन ये सारा कुछ इसलिए किया जाता है ताकि आपके भीतर जो धारणा ठूँसी गई है उसकी हर समय पुष्टि होती रहे कि वो अपनी जगह पर है या नहीं। जो लोग आई टी सेल की बनाई धारणा की चपेट में आए हैं वो इसे देख कर वही बातें सोचते रहें। कभी बाहर न निकल सकें। आई टी सेल लोगों को सियासी तौर पर मानसिक ग़ुलाम बनाए रखने का मनोवैज्ञानिक प्रोजेक्ट है। खेल नहीं है।

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रवीश कुमार

रविश कुमार :पांच दिसम्बर 1974 को जन्में एक भारतीय टीवी एंकर,लेखक और पत्रकार है.जो भारतीय राजनीति और समाज से संबंधित विषयों को व्याप्ति किया है। उन्होंने एनडीटीवी इंडिया पर वरिष्ठ कार्यकारी संपादक है, हिंदी समाचार चैनल एनडीटीवी समाचार नेटवर्क और होस्ट्स के चैनल के प्रमुख कार्य दिवस सहित कार्यक्रमों की एक संख्या के प्राइम टाइम शो,हम लोग और रविश की रिपोर्ट को देखते है. २०१४ लोकसभा चुनाव के दौरान, उन्होंने राय और उप-शहरी और ग्रामीण जीवन के पहलुओं जो टेलीविजन-आधारित नेटवर्क खबर में ज्यादा ध्यान प्राप्त नहीं करते हैं पर प्रकाश डाला जमीन पर लोगों की जरूरतों के बारे में कई उत्तर भारतीय राज्यों में व्यापक क्षेत्र साक्षात्कार किया था।वह बिहार के पूर्व चंपारन जिले के मोतीहारी में हुआ। वह लोयोला हाई स्कूल, पटना, पर अध्ययन किया और पर बाद में उन्होंने अपने उच्च अध्ययन के लिए करने के लिए दिल्ली ले जाया गया। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक उपाधि प्राप्त की और भारतीय जन संचार संस्थान से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्राप्त किया।

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