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- किसान आंदोलन के धरना...
सिंघू बार्डर पर शुक्रवार को तड़के निहंगो के एक गुट द्वारा तरनतारन के रहने वाले लखबीर सिंह नामक व्यक्ति की नृशंस हत्या अत्यंत निंदनीय है. पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करने वाले एक निहंग से स्थानीय पुलिस पूछताछ कर रही है. इस बीच, कुछ लोगों और संगठनों की तरफ से किसान-आंदोलनकारियों को बदनाम करने का अभियान भी तेज हो गया है.
किसान संगठनों की तरफ से संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने साफ शब्दों में इस नृशंस हत्या की निंदा की है और उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है. उन्होंने अपने बयान में कहा कि इस मामले के किसी भी पक्ष से उनका कोई सम्बन्ध नही है.
उल्लेखनीय है कि किसान आंदोलन के प्रमुख नेताओं ने पहले भी कहा था कि यह किसानों का आंदोलन है. यहां तो वे किसी राजनीतिक दल को भी नहीं बुलाते. फिर निहंग गुटों का यहां क्या काम? निहंगो को यहां से दूर जाकर रहना चाहिए. आदोलन-स्थल पर उनकी कोई जरूरत नही है. पर निहंग वहां जमे रहे. इसी बीच, सर्व लोक ग्रंथ साहिब की 'बेअदबी' या 'ग्रंथ को चुराकर भागने' के आरोप के नाम पर एक व्यक्ति की हत्या हो गयी. अखबारी खबरों के मुताबिक उक्त व्यक्ति तरनतारन के दलित-सिख समुदाय से थे.
यह पूरा मामला जितना नृशंस है, उतना ही उलझा हुआ लगता है. ज़रूरत इस बात की है कि गुनहगारों को कड़ा दंड मिले और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच हो! कौन करायेगा?
- उर्मिलेश