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विहिप की रैलियों पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इंकार, राजस्थान में लाल डायरी मामले में फिर गुड़ा हुए प्रेस से रूबरू
सुप्रीम कोर्ट ने विश्व हिंदू परिषद द्वारा रैलियों के आयोजन पर पाबंदी लगाने को लेकर दायर की गई एक याचिका पर अंतरिम सुनवाई करते हुए विश्व हिंदू परिषद रैलियों पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर से 4 अगस्त को सुनवाई होगी। दरअसल हरियाणा के नूंह में रैली के दौरान नूंह और आस पास के कुछ स्थानों पर हिंसा की घटना के बाद विश्व हिंदू परिषद रैलियों पर रोक लगाने के लिए एक याचिका प्रस्तुत की गई थी जिस पर आज सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में रोक लगाने से इनकार कर दिया। रैलियों पर रोक लगाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने याचिका पर सुनवाई के दौरान रोक लगाने से इनकार कर दिया।
वरिष्ठ वकील सीयू सिंह ने याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल दिल्ली में 23 जगहों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। याचिका में इस मामले पर जल्द सुनवाई की मांग की गई थी। याचिका पर सुनवाई के साथ ही उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है। जिस में शीर्ष अदालत ने विरोध प्रदर्शनों पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, लेकिन कहा कि विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़काऊ बयानबाजी या कोई हिंसा नहीं होनी चाहिए। कोर्ट ने सीसीटीवी कैमरों से विरोध प्रदर्शनों की निगरानी करने और वीडियोग्राफी के निर्देश दिया और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती का भी निर्देश दिया। दूसरी तरफ हरियाणा के नूह से हुई शुरुआत यह चिंगारी गुड़गांव के सेक्टर 57 और 67 के साथ-साथ राजस्थान के भरतपुर तक पहुंच गई। भरतपुर के भिवाड़ी में तो एसपी विकास शर्मा ने आज कार्रवाई करते हुए 17 लोगों को हिरासत में भी लिया है।
गुढ़ा प्रेस से मुखातिब
राजस्थान के बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुड्डा बर्खास्तगी के एक-दो दिन बाद तक अपने क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों में जुड़े हुए हैं लेकिन कल रात को उन्होंने बुधवार को जयपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस की घोषणा की थी और आज जयपुर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने लाल डायरी का जिन्न आज फिर छोड़ दिया। प्रेस कॉन्फ्रेंस मैं गुढा ने डायरी के 3 पन्ने निकालते हुए आरोपों की शुरुआत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत के आरसीए के पदाधिकारी भवानी समोता और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पीएस सौभाग्य के भी नाम हैं। राजेंद्र गुढ़ा के कथनानुसार आरसीए चुनाव से संबंधित जो बात धर्मेंद्र राठौड़ ने इसमें लिखी है। उसमें आरसीए चुनाव के हिसाब की बात की गई है। जिसमें लिखा गया है कि वैभव जी और मेरे (धर्मेंद्र राठौड़) दोनों के आरसीए चुनाव को लेकर चर्चा हुई, भवानी सामोता और राजीव खन्ना ने आरसीए चुनाव का पूरा हिसाब किया. भवानी सामोता ज्यादातर लोगों से जो वादा किया, वह उन्होंने पूरा नहीं किया. जिस पर मैंने (धर्मेंद्र राठौड़) ने कहा कि यह ठीक नहीं है आप इसे पूरा करो।तब भवानी सामोता ने कहा कि मैं साहब की जानकारी में डालता हूं. फिर आपको 31 जनवरी तक बता दूंगा. इसमें आगे जो लिखा हुआ है उसके अनुसार लिखा गया है कि सौभाग्य, पीएस टू सीएम को फोन कर कहा कि मेरा आरसी वाला हिसाब कर दे जरूरत है। मुख्यमंत्री पद के छीन लिए जाने, पार्टी से निष्कासित हो जाने के बाद अब जेल भेजने की तैयारी की जा रही है।
मगर में जेल गया तो मेरा प्रतिनिधित्व पब्लिक करेगी। गुढा ने मीडिया को कहा की अगर मैं जेल नहीं गया तो जल्द ही इस डायरी के कुछ और अंश भी सामने लाऊंगा। उन्होंने कहा कि जिस तरह से वसुंधरा राजे ने मुझे जेल भेजा था तो आज उनका राजनीति में कोई नाम लेने वाला नहीं है. अगर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी यह कोशिश की तो मैं दावा करता हूं कि उनका हाल भी वैसा ही होगा। यह प्रश्न उत्तर यह सब कुछ बातें हैं मंत्री पद से बर्खास्त होने से पहले क्यों नहीं हुई और अब भी वे डायरी की सच्चाई टुकड़ों में क्यों पेश कर रहे हैं। दूसरी तरफ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने लाल डायरी को काल्पनिक बताया है। कुल मिलाकर लाल डायरी की सच्चाई क्या है इस को लेकर सस्पेंस खत्म होने की आवश्यकता है। देखने वाली बात होगी कि गुड्डा ने जो डायरी के माध्यम से आरोप लगाए है क्या उस पर वैभव गहलोत या अन्य लोगों जिन पर आरोप लगाए गए है वे इस संबंध में अपना पक्ष रखेंगे!