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पीएम केयर्स फंड के हजारो करोड़ को लेकर पत्रकार गिरीश मालवीय की इस पोस्ट से मचेगा हडकम्प
गिरीश मालवीय
बिहार में इस साल के आखिर विधानसभा चुनाव होने हैं और प्रदेश में वर्चुअल रैली का नया सियासी प्रयोग शुरू हो रहा है। इसे 'बिहार-जनसंवाद' नाम दिया गया है आज शाम 4 बजे अमित शाह इस वर्चुअल रैली के जरिए आम लोगों से संवाद स्थापित कर रहे है शुरुआत में इस वर्चुअल रैली में सिर्फ 22 जिलों के लोगों को जोड़ने की योजना बनाई गयी थी लेकिन अब बिहार के सभी जिलों के लोगों को जोड़ा गया है।
रैली को असली लुक देने के लिए 72 हजार बूथों पर 72 हजार एलईडी स्क्रीन लगाए हैं। ये एलईडी स्क्रीन खास उनलोगों के लिए हैं, जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं है। हर विधानसभा क्षेत्र में 4-5 हजार लोगों को इस कार्यक्रम से जोड़ने का टारगेट है। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी कीमत पर सभा स्थल पर 50 लोगों से अधिक की भीड़ ना हो।
यह वर्चुअल रैली भी आम रैली जैसी ही दिखेगी। मंच को सियासी रंग दिया गया है।
अब मित्र रणधीर झा बता रहे है कि एक 10 x 12 led स्क्रीन का किराया ओसतन 25000 रूपये होगा यानि 72000 X 25000 यानि सीधा सीधा खर्च 180 करोड़ रूपये है।ट्रांस्पोर्टेशन जोड़ दिया जाए तो यह और भी ज्यादा होगा।
कोरोना के इस दौर में कोई उद्योगपति चंदा देने के काबिल नहीं बचा है यानि यह खर्च किसी और अकाउंट से ही सेटल किया जा रहा है और हमे मालुम भी है कि पीएम केयर्स का कोई हिसाब किताब नहीं दिया जा रहा है। ..
अब जैसा कि कि कहा गया है कि किसी भी कीमत पर सभा स्थल पर 50 लोगों से अधिक की भीड़ नहीं होगी सीधा गणित है 50 लोगो पर 25000 का खर्च। अब यदि 50 लोगो पर 25000 का खर्च करने की पार्टी की हैसियत है और वो भी सिर्फ एक रैली में,.... तो टोटल चुनाव में कितना अधिक खर्च किया जाएगा आप स्वंय ही अंदाजा लगा लीजिये। पूरी जमा पी एम केयर्स का फंड के बराबर रकम ही ठिकाने लग जाएगी बिहार चुनाव में भाजपा द्वारा।
आर्थिक मामलों के जानकार गिरीश मालवीय के अपने निजी विचार है, इसके लिए स्पेशल कवरेज न्यूज उत्तरदाई नहीं है. ये पोस्ट उनके फेसबुक से ली गई है.