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- रवीश कुमार ने पीएम पर...
रवीश कुमार ने पीएम पर क्यों लगाया पीएम मोदी पर घटिया आरोप, मेरी तरह गणित में कमज़ोर नहीं हो सकते!
प्रधानमंत्री मोदी के अनुसार यूपी में 15 करोड़ ग़रीबों को भोजन कराया गया । उनके ट्विट के वीडियो समेत शेयर की गयी बात देखें. क़रीब सवा तीन करोड़ ग़रीब महिलाओं के जन-धन खाते में 5000 करोड़ रुपये जमा कराए गए।
लॉकडाउन के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने 15 करोड़ गरीबों को भोजन उपलब्ध कराया। इतना ही नहीं, राज्य की सवा तीन करोड़ गरीब महिलाओं के जनधन खाते में लगभग 5 हजार करोड़ रुपये भी ट्रांसफर किए गए। आजादी के बाद संभवत: पहली बार किसी सरकार ने इतने बड़े पैमाने पर गरीबों की मदद की है। pic.twitter.com/wdlSV8xXJF
— Narendra Modi (@narendramodi) June 26, 2020
क्या प्रधानमंत्री के इस कथन में कुछ गड़बड़ है ? यूपी की आबादी 23 करोड़ है।
प्रधानमंत्री मोदी के अनुसार 15 करोड़ ग़रीबों को खाना खिलाया। क्या यूपी की पचास फ़ीसदी से अधिक आबादी ग़रीब हैं ?और यदि 15 करोड़ ग़रीब है तो सिर्फ़ सवा तीन करोड़ के खाते में ही मदद राशि पहुँची है। तीन करोड़ महिलाओं के खातों के ज़रिए इन 15 करोड़ घरों में कुछ पैसा तो पहुँचा है। तीन किश्तों में।
यूपी में 6.54 करोड़ जन-धन खाता है। इस संख्या को दो तरह से देखें। 15 करोड़ ग़रीबों में से पचास फ़ीसदी से भी कम का जन-धन खाता है। फिर भी महिला और पुरुष दोनों के खाते में पैसा जाता तो हर परिवार के दो लोगों के खाते में जा सकता था। इसलिए एक वर्ग को चुना गया होगा।
यूपी सरकार के ट्विट देखता रहता हूँ। तालाबंदी के दौर में राज्य सरकार और स्वयंसेवी संगठनों के किचन से रोज़ 12-15 लाख फ़ूड पैकेट्स बाँटे जाने का आँकड़ा होता था। क्या रोज़ का आँकड़ा जोड़ कर 15 करोड़ की संख्या बनाई गई ? या इसमें उन सभी सदस्यों को गिना गया है जिनके मुखिया को राशन मिला है ? शायद। कितने लोगों को राशन दिया गया वो देखना रहा।
प्रधानमंत्री ने कहा है। वे तो मेरी तरह गणित में कमज़ोर नहीं हो सकते।
यह लेख वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार के पेज से लिया गया है. स्पेशल कवरेज न्यूज इसके लिए जिम्मेदार नहीं है.
रवीश कुमार
रविश कुमार :पांच दिसम्बर 1974 को जन्में एक भारतीय टीवी एंकर,लेखक और पत्रकार है.जो भारतीय राजनीति और समाज से संबंधित विषयों को व्याप्ति किया है। उन्होंने एनडीटीवी इंडिया पर वरिष्ठ कार्यकारी संपादक है, हिंदी समाचार चैनल एनडीटीवी समाचार नेटवर्क और होस्ट्स के चैनल के प्रमुख कार्य दिवस सहित कार्यक्रमों की एक संख्या के प्राइम टाइम शो,हम लोग और रविश की रिपोर्ट को देखते है. २०१४ लोकसभा चुनाव के दौरान, उन्होंने राय और उप-शहरी और ग्रामीण जीवन के पहलुओं जो टेलीविजन-आधारित नेटवर्क खबर में ज्यादा ध्यान प्राप्त नहीं करते हैं पर प्रकाश डाला जमीन पर लोगों की जरूरतों के बारे में कई उत्तर भारतीय राज्यों में व्यापक क्षेत्र साक्षात्कार किया था।वह बिहार के पूर्व चंपारन जिले के मोतीहारी में हुआ। वह लोयोला हाई स्कूल, पटना, पर अध्ययन किया और पर बाद में उन्होंने अपने उच्च अध्ययन के लिए करने के लिए दिल्ली ले जाया गया। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक उपाधि प्राप्त की और भारतीय जन संचार संस्थान से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्राप्त किया।