- होम
- राष्ट्रीय+
- वीडियो
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- Shopping
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- आजीविका
- विविध+
- Home
- /
- हमसे जुड़ें
- /
- क्या भारत के बड़े एडिटर...
क्या भारत के बड़े एडिटर एंकर और पत्रकार हंगरी के पत्रकारों जैसी हिम्मत दिखा पाएंगे ?
गिरीश मालवीय
सोमवार को हंगरी के 80 पत्रकारों ने जो वहाँ न्यूज़ मीडिया में उच्च पदों पर बैठे हुए थे एकसाथ इस्तीफा दे दिया हंगरी के मुख्य स्वतंत्र समाचार साइट, इंडेक्स से तीन प्रमुख संपादकों सहित पत्रकारों के स्कोर के बाद बुडापेस्ट की सड़कों पर हजारों लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया।
इंडेक्स जो हंगरी का सबसे बड़ा मीडिया हाउस है वहाँ एडिटर और रिपोर्टर्स की कुल संख्या 90 थी और इनमें से 80 ने हमेशा के लिए उस मीडिया हाउस को छोड़ने का फैसला कर लिया.. नौकरी छोड़ने से पहले एडिटोरियल बोर्ड ने इंडेक्स के वेबसाइट पर एक खुलापत्र भी प्रकाशित किया था, जिसमें कहा गया था कि हंगरी का यह एकलौता निष्पक्ष समाचार माध्यम था, पर अब यह ऐसा नहीं रहेगा क्योंकि यहाँ पर राजनैतिक दखलंदाजी शुरू हो चुकी है.
दरअसल कोरोना काल मे अप्रैल की शुरुआत में ही हंगरी की संसद ने एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए पीएम विक्टर ओर्बन को शासन करने के लिए असीमित शक्तियां दे दीं हंगरी की संसद में एक ऐसा बिल पास हुआ, जिसके बाद विक्टर अब अनिश्चितकाल तक के लिए असीमित शक्तियों वाले शासक बने रहेंगे. इसी के साथ देश में इमरजेंसी भी घोषित कर दी गई ......... सरकार ने यहाँ वही खेल खेलना चाहती थी जो भारत मे मोदी सरकार कब से खेल रही है लेकिन हंगरी के मीडिया ने रीढ़ की हड्डी सीधी रखते हुए विक्टर ओबर्न के सामने झुकने से इनकार कर दिया
न जाने भारत के रीढ़ विहीन पत्रकारों का खून कब खोलेगा
कब खोलेगा रे तेरा खून फैजलवा?