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कश्मीर का टॉनिक पीकर फार्म भरने में मदहोश हिन्दी प्रदेश का युवा

रवीश कुमार
28 Aug 2019 12:33 PM GMT
कश्मीर का टॉनिक पीकर फार्म भरने में मदहोश हिन्दी प्रदेश का युवा
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हिन्दी प्रदेशों के अभिशप्त युवा जो ख़ुद को कश्मीर का एक्सपर्ट समझते हैं, उन्हें सरकारी शिक्षा और नौकरी ने जोकर बना कर रख दिया है। कश्मीर में बीस दिनों से संचार व्यवस्था ठप्प होने को सही ठहराने के नशे में भूल गया है कि वही राज्य उसके साथ भी कश्मीर की तरह बर्ताव कर रहा है। परीक्षा की मामूली त्रुटियों की सुनवाई नहीं है। सब जगह जा रहा है मगर कोई सुन नहीं रहा है। संचार व्यवस्था से ख़ुद वंचित है। पहले इन्हें हिन्दू मुस्लिम नेशनल सिलेबस का कोर्स कराया गया और अब ये खुद भी उसी ज़ुबान में अपने हालात बयान करने लगे हैं।

बिहार के शिक्षकों की तरफ से आया यह मेसेज बता रहा है कि देश के युवाओं का घोर पतन हो चुका है। इनका एक ही इस्तमाल रह गया है। कश्मीर की तरह सूचना तंत्र से काट कर प्रोपेगैंडा में झोंक दो। चेतना और सूचना विहीन नौजवानों के साथ हो रहे अन्यायों पर क्या कहा जाए, ये उसी की बाँहों में झूमना पसंद करते हैं जो इनकी गर्दन पर तलवार चलाता है। हिन्दी प्रदेश के युवाओं को जो नेता जितना अंधकार में धकेलेगा वह उतना ही सफल होगा। वह कश्मीर पर एक्सपर्ट है। वह गोदी मीडिया का समर्थक है। लोकतंत्र की संस्थाओं के कुचले जाने का समर्थक है। बस इस वक्त अपने लिए समर्थक ढूँढ रहा है। चुनाव में कहता है रोज़गार मुद्दा नहीं, बस चुनाव के बाद रोज़गार न मिलने पर बेचैन है।

दुख हुआ इस मेसेज को देखकर। फिर दुख नहीं हुआ युवाओं को देखकर।

अगर आप मध्य/ माध्यमिक विद्यालय में आवेदन करना चाहते है तो चरणबद्ध तरीके से उसका तरीका निम्न है------

1--पहले अपना स्वास्थ्य जांच करवा लें क्योंकि शारीरिक और मानसिक रुप से आपका सशक्त होना अति आवश्यक शर्त है

2--एक किट बैग खरीद लें

3--एक अच्छी बाइक ( हो सके तो नई ले लें) एक स्कूटी(महिलाओं के लिये) खरीद लें

4--बाजार से कम से कम से 100 फाॅर्म खरीद लें

5--सभी प्रमाण पत्रों का 100-100 जेरोक्स काॅपी करवा लें या प्रिंटर भी खरीद लें।

6--100 कलर पासपोर्ट साईज फोटो खिंचवा ले

7--सत्तू,चीनी,नमक,मिक्सचर,चूरा,एक छोटा सा गैस स्टोव तथा दवाईया(Firsटी Aid) खरीद के अपने पास रख लें

8--ATM ,आधार कार्ड रख लां

9--कैश भी ढेर सारा रख लें क्योंकि पेट्रोल में ये खर्च होगा।

10-वुड लेंड का एक नया जूता ले लें कियों की पूरा बिहार जो घूमना हैं!

11-अब आप आवेदन करने के लिये तैयार है।निकल पड़िये प्रखंड टू प्रखंड ,माध्यमिक शिक्षक के लिए जिला परिषद् टू जिला परिषद् ,नगर पंचायत टू नगर पंचायत ,नगर परिषद् टू नगर परिषद् आवेदन करने के लिये।हजारो किलोमीटर आपको यात्रा करनी है।

12-ors घोल भी साथ रखे।।

13-निराश नही हो फ़ॉर्म जरूर भरे,चाहे सीट कम ही क्यों न हो,ये बिहार है कभी भी बहार आ सकता हैं।

जय नैतिक पुरुष//जय बिहार सात साल से भटकते हुए माध्यमिक शिक्षक अभ्यर्थी

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रवीश कुमार

रवीश कुमार

रविश कुमार :पांच दिसम्बर 1974 को जन्में एक भारतीय टीवी एंकर,लेखक और पत्रकार है.जो भारतीय राजनीति और समाज से संबंधित विषयों को व्याप्ति किया है। उन्होंने एनडीटीवी इंडिया पर वरिष्ठ कार्यकारी संपादक है, हिंदी समाचार चैनल एनडीटीवी समाचार नेटवर्क और होस्ट्स के चैनल के प्रमुख कार्य दिवस सहित कार्यक्रमों की एक संख्या के प्राइम टाइम शो,हम लोग और रविश की रिपोर्ट को देखते है. २०१४ लोकसभा चुनाव के दौरान, उन्होंने राय और उप-शहरी और ग्रामीण जीवन के पहलुओं जो टेलीविजन-आधारित नेटवर्क खबर में ज्यादा ध्यान प्राप्त नहीं करते हैं पर प्रकाश डाला जमीन पर लोगों की जरूरतों के बारे में कई उत्तर भारतीय राज्यों में व्यापक क्षेत्र साक्षात्कार किया था।वह बिहार के पूर्व चंपारन जिले के मोतीहारी में हुआ। वह लोयोला हाई स्कूल, पटना, पर अध्ययन किया और पर बाद में उन्होंने अपने उच्च अध्ययन के लिए करने के लिए दिल्ली ले जाया गया। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक उपाधि प्राप्त की और भारतीय जन संचार संस्थान से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्राप्त किया।

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