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विवाहेतर संबंध को अपराध से बाहर करने के बाद पहली आत्महत्या
अवधेश कुमार
तो चेन्नई में एक 24 वर्षी शादीशुदा लड़की पुष्पलता ने छत से कूदकर जान दे दी। उसने दो वर्ष पहले जॉन पॉल फ्रैंकलिन नामक एक सिक्योरिटी गार्ड से शादी की थी। लड़की अच्छे परिवार की थी। उसके परिवार ने इस शादी का विरोध भी किया था। किंतु उसने परिवार से विद्रोह करके प्रेम विवाह कर लिया। फै्रंकलिन का किसी अन्य लड़की से इस बीच संबंध बन गया या पहले से ही था पता नहीं। पुष्पलता को बाद मंें इसका पता चला। इस बीच पुष्पलता को टीबी हो गया। हालांकि टीबी का आजकल इलाज सामान्य है। इससे कोई समस्या होनी नहीं चाहिए।
किंतु फ्रैंकलिन जो कि एक सिक्योरिटी गार्ड है, दूसरी लड़की के साथ कुछ ज्यादा घुलने मिलने लगा। पुष्पलता उसे ऐसा करने से रोकती रही। अपने प्रेम का हवाला दिया। जाहिर है, उसने काफी समझाया होगा, लड़ाई भी हुई होगी। विद्रोह करके शादी करने के बाद तो पुष्पलता के पास अपने परिवार या रिश्तेदारों से बात करने या उनकी सहायता लेने का विकल्प था नहीं। इसलिए वह अपने दम पर पति को दूसरी लड़की से संबंध बनाने से रोकती रही। वह माना नहीं। उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद फैंकलिन ने साफ कह दिया कि अब तुम मुझे कुछ नहीं कर सकती, क्योंकि अब तो न्यायालय ने कह दिया है कि विवाहेतर यौन संबंध अपराध नहीं है। तुम मेरे पर केस भी दर्ज नहीं करा सकती।
पुष्पलता ने अपने आत्महत्या नोट में ये सारी बातें लिखीं हैं। हालांकि धारा 497 में भी विवाहेतर सम्बंध रखने वाले पति पर उसकी पत्नी केस नहीं कर सकती थी। किंतु इतनी विस्तृत जानकारी तो सबको नहीं होती। फ्रैंकलिन को लगा कि अब वह कुछ भी करने को आजाद है। पत्नी इसे सहन नहीं कर पाई, क्योंकि उसे लगा कि अब तो पुलिस और कोर्ट भी उसकी मदद नहीं कर सकता। अब यहां उच्चतम न्यायालय का फैसला लागू होगा। इसमें यह मान लिया है कि पहले की तरह आत्महत्या करने पर यदि यही कारण हुआ तो पति पर इसके लिए उकसाने का मामला चलेगा। तो चलाइए आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला। एक 24 वर्षीय लड़की को अपनी इहलीला समाप्त कर देनी पड़ी।