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छत्तीसगढ़ : ये 4 कारण रमन सिंह पर पड़े भारी, 15 साल में कांग्रेस की जीत और CM की रेस में हैं ये चेहरे

Special Coverage News
11 Dec 2018 8:29 AM GMT
छत्तीसगढ़ : ये 4 कारण रमन सिंह पर पड़े भारी, 15 साल में कांग्रेस की जीत और CM की रेस में हैं ये चेहरे
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छत्तीसगढ़ में कांग्रेस 15 साल के बाद सत्ता में वापसी कर रही है, अब ऐसे में राज्य में कांग्रेस की ओर से कौन मुख्यमंत्री बनेगा, इसे लेकर सरगर्मि,यां तेज हो गई हैं.

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस 15 साल के बाद सत्ता में वापसी कर रही है. राज्य विधानसभा चुनाव नतीजे में कांग्रेस को दो- तिहाई बहुमत मिलता दिख रहा है. 90 सीटों में से कुल 60 सीटों पर कांग्रेस आगे चल रही है और बीजेपी सिर्फ 16 सीटों पर सिमट गई है. जबकि पिछली बार बीजेपी 50 पार थी. छत्तीसगढ़ में बीजेपी की इस बड़ी हार के पीछे कई कारण हैं, पढ़ें किन मोर्चों पर बीजेपी इस बार फेल हुई है.

2003 से राज्य में सरकार चला रही भारतीय जनता पार्टी को इस बार राज्य में एंटी इन्केंबंसी का सामना करना पड़ा. चुनाव से पहले ही रमन सिंह के खिलाफ माहौल दिख रहा था, जिसका रुख एग्जिट पोल ने भी दिखाया था.

रमन सिंह भले ही राज्य में चावल वाले बाबा के नाम से मशहूर हों, लेकिन किसानों की नाराजगी उन पर इस बार भारी पड़ी है. किसानों के बीच रमन सिंह सरकार के खिलाफ गुस्सा वोटों में निकल कर आया. किसान लगातार फसलों के दाम को लेकर बीजेपी के खिलाफ प्रदर्शन करता आया है, जिसका जबर्दस्त नुकसान चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को उठाना पड़ा.

राज्य में किसान रमन सिंह की सरकार से नाराज था. इसका फायदा कांग्रेस ने पूरी तरह उठाया. कांग्रेस के घोषणापत्र में किया गया किसानों की कर्जमाफी के वायदे ने मास्टरस्ट्रोक की तरह काम किया. यही कारण रहा है कि पूरे राज्य में कांग्रेस लहर दिखी

रमन सिंह की हार का बड़ा कारण इस बार नक्सलवाद पर नाकामी भी रही. नक्सलवादी क्षेत्रों में लगातार हमले होते गए और इस बार इन क्षेत्रों में बंपर मतदान भी हुआ. जाहिर है कि नतीजे बता रहे हैं कि ये बंपर वोटिंग रमन सिंह की सरकार के खिलाफ ही थी. नक्सलवादी क्षेत्रों में बक्सर, दंतेवाड़ा जैसी सीटें आती हैं.

CM रेस में बाबा, महंत, बघेल, साहू

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस 15 साल के बाद सत्ता में वापसी कर रही है. राज्य विधानसभा चुनाव नतीजे में कांग्रेस को दो- तिहाई बहुमत मिलता दिख रहा है. अब ऐसे में राज्य में कांग्रेस की ओर से कौन मुख्यमंत्री बनेगा, इसे लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं. मुख्यमंत्री पद के कई दावेदार हैं. हालांकि पार्टी ने किसी भी नेता को सीएम के तौर पर प्रोजेक्ट नहीं किया था. आइए, कांग्रेस के कुछ दावेदारों पर नजर डालते हैं-

टीएस सिंहदेव - प्रदेश की अंबिकापुर विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता टीएस सिंहदेव मुख्यमंत्री की रेस में प्रमुख दावेदार बताए जा रहे हैं. साल 2013 के चुनाव में हार के बाद कांग्रेस ने इन्हें विधायक दल का नेता बनाया था. कांग्रेसियों को एकजुट रखने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका है.

डॉ. चरणदास महंत - सीएम के दूसरे दावेदार में सक्ती विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. चरणदास महंत के नाम भी शामिल है. महंत कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं. महंत मध्य प्रदेश सरकार में गृहमंत्री और यूपीए की दूसरी पारी में केन्द्र सरकार में राज्य मंत्री रहे.

भूपेश बघेल - छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के सीएम पद के दावेदारों में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल का भी नाम है. उन्हें भी इस रेस में प्रबल दावेदार के तौर पर देखा जा रहा है.

ताम्रध्वज साहू - कांग्रेस के सीएम पद के दावेदारों में सौम्य चेहरे और सरल स्वभाव के माने जाने वाले ताम्रध्वज साहू का नाम भी शामिल है. कांग्रेस के ओबीसी विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के कारण एक बड़े वर्ग में इनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है. 2014 के लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ से कांग्रेस के इकलौते सांसद चुने गए थे.

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