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"बेस्ट रिसर्चर ऑफ हर्बल कल्टीवेशन" अवार्ड से नवाजे गए से बस्तर के डॉ राजाराम
विगत 30 वर्षों से अधिक समय से हर्बल कृषि के क्षेत्र में नित नए नए शोध एवं प्रयोगों की वजह से हर्बल कृषि में वैश्विक स्तर पर लगातार कई कीर्तिमान स्थापित करते हुए, कृषि को फायदे का सौदा बनाकर उससे लाभ प्राप्त करने वाले बस्तर संभाग के कोंडागांव जिले के प्रसिद्ध हर्बल कृषक डॉ राजाराम त्रिपाठी को कॉर्पोरेट संचार, जनसंपर्क, मीडिया शिक्षा और पत्रकारिता के राष्ट्रीय संगठन 'मीडिया फेडरेशन ऑफ इंडिया' नई दिल्ली के द्वारा "बेस्ट रिसर्चर ऑफ हर्बल कल्टीवेशन" का अवार्ड प्रदान किया गया उन्हें यह अवार्ड इसी तीन जून को राजधानी रायपुर के वृंदावन सभागार में आयोजित छत्तीसगढ़ एचीवर्स अवार्ड्स 2023 के भव्य कार्यक्रम में विश्व विद्यालय के कुलाधिपति के कर कमलों से प्रदान किया गया।
इस अवसर पर भिलाई के विधायक देवेंद्र यादव को छत्तीसगढ़ विधानसभा के सर्वश्रेष्ठ विधायक का अवार्ड भी दिया गया।इस कार्यक्रम में मीडिया फेडरेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरुण शर्मा जी, वरिष्ठ पत्रकार नन्द किशोर यादव,प्रसांत तिवारी, गौ विज्ञानी तथा जाने माने उद्यमी राजेंद्र तंबोली, एम डी बोटानिकल्स की अपूर्वा त्रिपाठी के साथ ही प्रदेश के पत्रकार जगत, औद्योगिक जगत तथा कला जगत की गणमान्य हस्तियों सहित समाज के सभी वर्गों की सहभागिता रही ।
गौरतलब है कि डॉ त्रिपाठी द्वारा "माँ दंतेश्वरी हर्बल फार्म तथा रिसर्च सेंटर " के जरिए विगत तीन दशकों से कई प्रकार के भारी मांग वाली हर्बल फसलों जैसे सफेद मूसली,स्टीविया,काली मिर्च,आस्ट्रेलियन टीक आदि फसलों की गुणवत्ता उत्पादकता तथा लाभदायकता बढ़ाने के दृष्टिकोण से इनपर निरन्तर शोध कार्य करते हुए कई हर्बल फसलों की उन्नत किस्में भी डॉ त्रिपाठी के द्वारा विकसित की गई हैं। इन नई किस्मो के अंकुरण दर और उनकी उत्पादन क्षमता में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज हुई है। इनके द्वारा विकसित की गई उन्नत किस्म की काली मिर्च "मां दंतेश्वरी काली मिर्च-16" और 'आस्ट्रेलियन टीक' की सफल जुगलजोड़ी ने कृषि जगत में ही नहीं वल्कि राष्ट्रीय खबरों में भी धूम मचाई है ।
हाल में ही इन्हें 40 लाख रुपए में बनने वाले 1 एकड़ के "पाली हाउस" का मात्र डेढ़ लाख रुपए में सस्ता टिकाऊ और ज्यादा लाभ देने वाला नैसर्गिक विकल्प "नेचुरल ग्रीन हाउस" के सफल मॉडल हेतु, देश के कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर के हाथों देश के सर्वश्रेष्ठ किसान (Best Farmer Award-23) का अवार्ड भी प्रदान किया गया है। बीएससी ,(गणित), एलएलबी, कार्पोरेट-ला एवं पांच अलग-अलग विषयों में स्नातकोत्तर की डिग्रियों तथा डॉक्टरेट की उपाधि के साथ डॉ त्रिपाठी देश के सबसे ज्यादा पढ़े लिखे अग्रिम पंक्ति के किसान-नेता के रूप में भी जाने जाते है । सबसे बड़ी बात यह है कि इनके इन रिसर्च तथा नवाचारों के फायदे बस्तर छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि पूरे देश के किसान उठाने लगे हैं।
डॉ राजाराम त्रिपाठी का नाम देश की पत्रकारिता जगत की शीर्ष संस्था द्वारा "बेस्ट रिसर्च आप हर्बल कल्टीवेशन" अर्थात "वनौषधि कृषि के सर्वश्रेष्ठ शोधकर्ता" के प्रतिष्ठित अवार्ड प्रदान किये जाने से कोंडागांव,बस्तर सहित पूरे छत्तीसगढ़ के प्रबुद्धजनों, किसानों में हर्ष व्याप्त है। इस विशिष्ट उपलब्धि पर संपदा समाज सेवी संस्थान, आदिवासी शोध एवं विकास संस्थान, साग सब्जी उत्पादक संघ छत्तीसगढ़, सेंट्रल हर्बल एग्रो मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया चैम्फ, भारतीय सुगंधित पौध उत्पादक संघ , आयुर्वेद विश्व परिषद दिल्ली, जनजातीय सरोकारों की दिल्ली से प्रकाशित होने वाली मासिक पत्रिका 'ककसाड़' सहित विभिन्न संस्थाओं तथा माँ दंतेश्वरी हर्बल समूह के समस्त सदस्यों ने बेहद प्रसन्नता व्यक्त करते हुए डॉ त्रिपाठी को बधाई दी है..!